नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। अपने पिता के कदमों पर चलते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संगीत को आगे बढ़ा रहे प्रख्यात संतूर वादक पंडित शिव कुमार शर्मा के बेटे राहुल शर्मा का कहना है कि शास्त्रीय संगीत का लुत्फ उठाने के लिए जरूरी नहीं है कि आपको इसकी समझ भी हो।
नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। अपने पिता के कदमों पर चलते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संगीत को आगे बढ़ा रहे प्रख्यात संतूर वादक पंडित शिव कुमार शर्मा के बेटे राहुल शर्मा का कहना है कि शास्त्रीय संगीत का लुत्फ उठाने के लिए जरूरी नहीं है कि आपको इसकी समझ भी हो।
राहुल न सिर्फ अपने पिता की विरासत आगे बढ़ा रहे हैं, बल्कि पश्चिमी और लोक धुनों का इसमें सम्मिश्रण कर इसे नया रूप भी प्रदान कर रहे हैं।
राहुल ने फोन पर मुंबई से आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, “यह एक गलत धारणा है कि अगर आप शास्त्रीय संगीत को नहीं समझते तो आप इसका लुत्फ भी नहीं उठा सकते। यह सच नहीं है। मुझे अपने संगीत कार्यक्रमों में अनेक युवा दिखाई देते हैं। मेरे खयाल से जब उन्हें कोई ऐसा युवा संगीतकार दिखाई देता है, जिसे वे अपना आदर्श बना सकें तो युवा श्रोताओं से अपने-आप एक संबंध बन जाता है।”
राहुल ने कहा, “मेरे खयाल से शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रमों का अधिक से अधिक सीधा प्रसारण होना चाहिए और पश्चिम के लोकप्रिय संगीतकारों के साथ मिलकर काम करने से भी भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रति लोगों की रुचि में इजाफा किया जा सकता है।”
राहुल 2011 में मिस्र के संगीतकार जॉर्ज्स कजाजियान और बॉलीवुड की प्रख्यात पाश्र्व गायिका सुनिधि चौहान के साथ एक परियोजना पर काम कर चुके हैं।
किसी विदेशी संगीतकार के साथ काम करने का राहुल का यह पहला मौका भी नहीं है। वह फ्रांस के पियानो वादक रिचर्ड क्लेडरमैन और कीबोर्ड वादक केर्सी लॉर्ड के साथ भी काम कर चुके हैं।
इसके अलावा वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संगीतकार एरिक मौक्वेट के साथ 2013 में ‘डीप इंडिया’ संगीत महोत्सव में प्रस्तुति भी दे चुके हैं।
युवाओं के बीच शास्त्रीय संगीत की लोकप्रियता बढ़ाने वाले राहुल से जब पूछा गया कि क्या भारतीय शास्त्रीय संगीत लुप्त हो रहा है तो उन्होंने कहा, “नहीं, बिल्कुल नहीं। ग्रैमी अवार्ड विजेता संगीतकारों केनी जी. या एरिक मैक्वेट के साथ संगीत पर काम करने के अलावा केनी जी. के साथ आया मेरा संगीत एलबम ‘नमस्ते’ बिलबोर्ड जैज की सूची में शीर्ष पर रहा।”
राहुल कहते हैं, “मुझे नहीं लगता कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की उपेक्षा हो रही है। यह किसी एक व्यक्ति की कल्पना होती है जो उसे भारत में श्रोताओं के नजदीक पहुंचाती है।”
राहुल 2002 में बॉलीवुड की फिल्म ‘मुझसे दोस्ती करोगे’ में संगीत भी दे चुके हैं और संगीत महोत्सवों में उनकी काफी मांग रहती है। राहुल अब तक 40 से अधिक संगीत एलबम निकाल चुके हैं, जिनमें ‘माया’, ‘द रीबेल’ और ‘समंदर’ प्रमुख हैं।
राहुल शास्त्रीय संगीत से संबद्धता के लिए विख्यात ब्रांड ‘ब्रुक बॉण्ड ताज महल’ चाय के लिए भी विज्ञापन कर चुके हैं और हाल ही में उन्होंने इस ब्रांड की स्वर्ण जयंती के अवसर पर मुंबई में आयोजित एक संगीत महोत्सव में सितार वादक शाहिद परवेज और जेम्बे वादक तौफीक कुरैशी और अन्य संगीतकारों के साथ 14 घंटे लंबी संगीत प्रस्तुति दी।