कोलकाता, 16 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा की न्यायिक हिरासत एक अदालत ने शुक्रवार को 30 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी। मित्रा शारदा घोटाले के संबंध में गिरफ्तार किए गए हैं।
कोलकाता, 16 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा की न्यायिक हिरासत एक अदालत ने शुक्रवार को 30 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी। मित्रा शारदा घोटाले के संबंध में गिरफ्तार किए गए हैं।
न्यायिक हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद मित्रा को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एच. मुखर्जी की अदालत में पेश किया गया।
मित्रा के वकील अशोक मुखर्जी ने जमानत देने का आग्रह करते हुए कहा कि सीबीआई अनावश्क हिरासत अवधि बढ़ाना चाहती है।
मुखर्जी ने कहा, “रिमांड आवेदन में सीबीआई कह रही है कि मित्रा से सभी सामग्री हासिल कर ली गई है। यदि ऐसा हो चुका है फिर उनकी हिरासत बढ़ाने की मांग क्यों की जा रही है।”
बचाव पक्ष ने यह भी सवाल किया कि जब सीबीआई के आरोप पत्र में दर्ज एक आरोपी सज्जन अग्रवाल को गिरफ्तार नहीं किया गया, फिर मित्रा को हिरासत में क्यों रखा जा रहा है।
सीबीआई के वकील ने जवाब में कहा कि अग्रवाल जांच में एजेंसी को सहयोग कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है।
उसके बाद मित्रा ने अदालत से बोलने की अनुमति मांगी और पूछा कि वह भी तो सीबीआई को सहयोग कर रहे थे, फिर उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया।
मित्रा ने कहा, “सीबीआई कहती है कि अग्रवाल सहयोग कर रहे हैं इसलिए उन्हें गिरफ्तार करने की आवश्यकता नहीं है। मैं भी सीबीआई को सहयोग कर रहा हूं, फिर मुझे क्यों गिरफ्तार किया गया? क्या इसका मतलब यह है कि यदि कोई हिरासत में है तो वह सहयोग नहीं करेगा? यदि ऐसा है तो मुझे भी हिरासत से मुक्त किया जाए ताकि मैं सहयोग कर सकूं।”
जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई के वकील ने कहा कि मित्रा को जमानत देने से जांच प्रभावित होगी और कहा कि करोड़ों रुपये के घोटाले में बड़ी साजिश बेनकाब करने के लिए एजेंसी को उनकी हिरासत जरूरी है।
सीबीआई के वकील ने यह भी कहा कि बाद में एक अनुपूरक आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।
मित्रा की जमानत खारिज करते हुए न्यायालय ने सीबीआई को यह अनुमति दे दी कि बचाव पक्ष के वकील की उपस्थिति में मित्रा से 17 जनवरी और 24 जनवरी के बीच पूछताछ की जाए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।