बडवानी, 24 जनवरी (आईएएनएस)। आम तौर पर शादी के निमंत्रण पत्र (कार्ड) में वैवाहिक संस्कार व अन्य आयोजनों की सूचना से ज्यादा कुछ नहीं होता है, लेकिन मध्य प्रदेश के बडवानी जिले में एक परिवार ने इस निमंत्रण पत्र को स्वच्छता अपनाने और बेटी बचाने का संदेश अपने प्रियजनों तक पहुंचाने का माध्यम बनाया है।
बडवानी जिले के पिपलाज गांव के हीरालाल पटेल के बेटे रोहित की शादी का निमंत्रण पत्र ठीक आधार कार्ड की तरह नजर आता है। इसमें रंगों का संयोजन ठीक वैसे ही किया गया है, जैसा आधार कार्ड में होता है। इस निमंत्रण पत्र की खूबी यह भी है कि इसमें वैवाहिक कार्यक्रमों के अलावा विभिन्न संदेशों के जरिये समाज को जगाने की कोशिश की गई है।
इस निमंत्रण पत्र में स्वच्छता का संदेश दर्ज होने के साथ ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का संदेश भी दिया गया है।
हीरा लाल पटेल ने बताया कि वह दिल्ली में कार्यरत अपने इंजीनियर बेटे रोहित की शादी में फिजूलखर्च नहीं करना चाहते , इसलिए उसका विवाह सामूहिक विवाह समारोह में कर रहे हैं। इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए वह अपने प्रियजनों को निमंत्रण भेज रहे हैं। उनकी इच्छा है कि यह निमंत्रण पत्र सिर्फ शादी में लोगों को आमंत्रित करने और इसके बारे में लोगों को सूचना देने का माध्यम न रहे, बल्कि समाज में जागरुकता लाने का माध्यम भी बने।
हीरा लाल ने कहा कि समाज को बीमारी से बचाना है तो स्वच्छता जरूरी है, वहीं समाज में अब बेटियों को बचाना जरूरी हो गया है, लिहाजा उन्होंने निमंत्रण पत्र में दोनों संदेश को प्रमुखता से स्थान दिया है।
रोहित का कहना है कि समाज में बीमारी फैलने की बड़ी वजह गंदगी है, लिहाजा सेहतमंद रहना है तो साफ-सफाई से रहना होगा। निमंत्रण पत्र में यह संदेश देने की कोशिश भी की गई है। लड़का-लड़की में किसी तरह का भेद न समझें, इसके लिए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का जिक्र किया गया है।
पिपलाज गांव के पटेल परिवार का यह निमंत्रण पत्र हर तरफ चर्चाओं में तो है ही, उन लोगों के लिए नजीर भी है जो समारोहों के नाम पर फिजूलखर्च करते हैं।