बतौर राष्ट्रपति ओबामा का यह आखिरी साल है और वह अमेरिका के सामने मौजूद बंदूक समस्या का निदान ढूंढ़ने के लिए अपने कार्यकारी अधिकारों के प्रति दृढ़ बताए जा रहे हैं। कोशिश इस बात की है कि बंदूकों की बिक्री पर लगाम लगा कर बंदूक हिंसा पर काबू पाया जाए।
अमेरिका की महान्यायवादी लॉरेटा लिंच ने कहा कि कड़े नियमों को लागू किया जाएगा। इनमें बंदूक के व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए एक रजिस्टर रखना अनिवार्य बनाया जाएगा। इससे उन बिचौलियों पर लगाम लगेगी, जो किसी नियम कानून की परवाह के बगैर हथियारों की बिक्री करते हैं।
ओबामा ने कहा कि सभी कदम संविधान में दिए गए हथियार रखने के अधिकार के अनुकूल हैं। लेकिन, रिपब्लिकन पार्टी, बंदूक निर्माता और इनके शौकीनों का मानना है कि यह संविधान के दूसरे संशोधन में गंभीर रूप से हस्तक्षेप कर रहे हैं।
ओबामा का कहना है कि उनके उठाए गए कदमों से सभी हिंसक अपराधों पर लगाम नहीं लगेगी, न ही गोलीबारी की सभी घटनाएं रुकेंगी। फिर भी ये जानों को बचाने और परिवारों को उन तकलीफों से बचाने में मददगार होंगे जो गलत हाथ में बंदूक के होने की वजह से पैदा हो रही हैं।