Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 शशि कपूर को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (लीड-1) | dharmpath.com

Tuesday , 26 November 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » मनोरंजन » शशि कपूर को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (लीड-1)

शशि कपूर को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (लीड-1)

नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)। प्रख्यात फिल्म अभिनेता शशि कपूर को वर्ष 2014 के दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसकी घोषणा सोमवार को की गई। शशि कपूर ने इसी महीने अपना 77वां जन्मदिन मनाया।

शशि कपूर ने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया है। भारतीय सिनेमा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें 46वें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

नब्बे के दशक में स्वास्थ्य खराब रहने के कारण शशि कपूर ने फिल्मों में काम करना लगभग बंद कर दिया। साल 1998 में प्रदर्शित फिल्म ‘जिन्ना’ उनके सिने करियर की अंतिम फिल्म थी, जिसमें उन्होंने सूत्रधार की भूमिका निभाई थी।

शशि कपूर ने नायक के रूप में सिने ेकरियर की शुरुआत साल 1961 में यश चोपड़ा की फिल्म ‘धर्म पुत्र’ से की थी। इसके बाद उन्हें विमल राय की फिल्म ‘प्रेम पत्र’ में भी काम करने का मौका मिला, लेकिन दुर्भाग्य से ये दोनों ही फिल्में असफल साबित हुईं।

इसके बाद शशि कपूर ने ‘मेंहदी लगी मेरे हाथ’ और ‘हॉलीडे इन बाम्बे’ जैसी फिल्मों में भी काम किया, लेकिन ये फिल्में भी टिकट खिड़की पर बुरी तरह नकार दी गईं।

शशि कपूर के लिए वर्ष 1965 अहम साल साबित हुआ। इस साल उनकी ‘जब जब फूल खिले’ प्रदर्शित हुई। बेहतरीन गीत, संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की जबर्दस्त कामयाबी ने न सिर्फ अभिनेत्री नंदा को, बल्कि गीतकार, आनंद बख्शी और संगीतकार कल्याणजी-आनंदजी को शोहरत की बुंलदियों पर पहुंचा दिया। इस फिल्म की भारी सफलता ने शशि कपूर को भी स्टार के रूप में स्थापित कर दिया।

आज भी इस फिल्म के सदाबहार गीत दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। कल्याणजी और आनंदजी के संगीत निर्देशन में आनंद बख्शी रचित सुपरहिट गाना ‘परदेसियों से न अखियां मिलाना’, ‘यह समां समां है ये प्यार का’, ‘एक था गुल और एक थी बुलबुल’ जैसे गीत श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुए। फिल्म को सुपरहिट बनाने में इन गानों ने अहम भूमिका निभाई थी।

नब्बे के दशक में ‘जब जब फूल खिले’ की तर्ज पर ही आमिर खान और करिश्मा कपूर को लेकर ‘राजा हिंदुस्तानी’ बनाई गई थी।

साल 1965 में शशि कपूर के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म ‘वक्त’ रीलीज हुई। इस फिल्म में उनके साथ बलराज साहनी, राजकुमार और सुनील दत्त जैसे नामी सितारे भी थे। इसके बावजूद वह अपने अभिनय से दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे। इन फिल्मों की सफलता के बाद शशि कपूर की छवि रोमांटिक हीरो की बन गई और निर्माता-निर्देशकों ने अधिकतर फिल्मों में उनकी रूमानी छवि को भुनाया।

साल 1965 से 1976 के बीच कामयाबी के सुनहरे दौर में शशि कपूर ने जिन फिल्मों में काम किया, उनमें ज्यादातर फिल्में हिट साबित हुईं, लेकिन अमिताभ बच्चन के आने के बाद परदे पर रोमांस का जादू चलाने वाले इस अभिनेता से दर्शकों ने मुंह मोड़ लिया और उनकी फिल्में असफल होने लगीं।

शशि कपूर ने 100 अधिक फिल्मों में काम किया है। उनके करियर की कुछ अन्य प्रमुख फिल्में हैं- ‘प्यार किए जा’ (1966), ‘हसीना मान जाएगी’ (1968), ‘प्यार का मौसम’, ‘कन्यादान’ (1969), ‘अभिनेत्री’ (1970), ‘शर्मिली’ (1971), ‘वचन’, ‘चोर मचाए शोर’ (1974), ‘फकीरा’ (1978), ‘हीरा लाल पन्ना लाल’ (1978), ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ (1979), ‘बेजुबान’, ‘क्रोधी’, ‘क्रांति’ (1981), ‘घूंघरू’ (1983), ‘घर एक मंदिर’ (1984), ‘अलग अलग’ (1985), ‘इलजाम’ (1986), ‘सिंदूर’ (1987) और ‘फर्ज की जंग’ (1989)।

शशि कपूर को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (लीड-1) Reviewed by on . नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)। प्रख्यात फिल्म अभिनेता शशि कपूर को वर्ष 2014 के दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसकी घोषणा सोमवार को की गई। शश नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)। प्रख्यात फिल्म अभिनेता शशि कपूर को वर्ष 2014 के दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसकी घोषणा सोमवार को की गई। शश Rating:
scroll to top