कई बार किसी समय-विशेष में कोई ग्रह अशुभ फल देता है, ऐसे में उसकी शांति आवश्यक होती है। गृह शांति के लिए कुछ शास्त्रीय उपाय प्रस्तुत हैं। इनमें से किसी एक को भी करने से अशुभ फलों में कमी आती है और शुभ फलों में वृद्धि होती है।
ग्रहों के मंत्र की जप संख्या, द्रव्य दान की सूची आदि सभी जानकारी एकसाथ दी जा रही है। मंत्र जप स्वयं करें या किसी कर्मनिष्ठ ब्राह्मण से कराएं। दान द्रव्य सूची में दिए पदार्थों को दान करने के अतिरिक्त उसमें लिखे रत्न-उपरत्न के अभाव में जड़ी को विधिवत् स्वयं धारण करें, शांति होगी।
शनि के लिए : समय सायंकाल।
श्री हनुमानजी या शिवजी का पूजन-आराधना करें। हनुमान चालीसा का पाठ या हनुमान स्तोत्र का पाठ करें। शनि के मूल मंत्र का जप संध्या समय 40 दिन में 23,000 जाप करें।
मंत्र : ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’।
दान-द्रव्य : नीलम, सोना, लोहा, उड़द, कुलथी, तेल, काला कपड़ा, काला फूल, कस्तूरी, काली गौ, भैंस, खड़ाऊ।
शनिवार का व्रत करना चाहिए। हनुमानजी, शिवजी की पूजा करें। 18 मुखी रुद्राक्ष धारण करें।