इलाहाबाद। नवसंवत्सर के मंत्री शनि पहली बार पृथ्वी के करीब आ रहे हैं। रविवार की सुबह शनि पृथ्वी के काफी करीब होंगे, जिससे उसकी चमक आसानी से देखी जा सकेगी। इसको लेकर नेहरू तारा मंडल में विशेष तैयारी की जा रही है। जबकि इस अद्भुत खगोलीय घटना को लेकर ज्योतिर्विद भी घटना को लेकर खासे उत्सुक हैं। उनका कहना है कि राजा वृहस्पति की इच्छा के विरुद्ध शनि के पृथ्वी के पास आने से व्यापक बदलाव नजर आएगा।
रविवार को पृथ्वी और शनि सूर्य के एक ओर होंगे। इससे पृथ्वी और शनि ग्रह के बीच की सापेक्ष दूरी सबसे कम होगी। आमतौर पर यह खगोलीय घटना 378 दिन में एक बार घटित होती है, जिसे व्युति कहते हैं। ज्योतिर्विद आचार्य अविनाश राय बताते हैं कि पृथ्वी से शनि की दूरी लगभग 29 हजार किलोमीटर है, रविवार को वह पृथ्वी से 6032 की दूरी पर आ जाएंगे। वह बताते हैं शनि वर्तमान समय में तुला राशि से संचार कर रहे हैं जबकि सूर्य मेष राशि में उच्चता बनाए हैं। शनि के पृथ्वी के करीब आने से उससे होने वाले दुष्प्रभाव को सूर्य काफी हद तक समाप्त कर देंगे।
हनुमत उपासना से होगा कल्याण
श्रीधर्मज्ञानोपदेश संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं शनि के तुला राशि में रहने से कई राशियों के लिए यह अशुभ रहेगा। इसमें कन्या, वृश्चिक, तुला, सिंह, मेष, वृष आदि राशियों के लिए यह घटना मानसिक तनाव लेकर आएगी। इससे बचने के लिए बजरंग बाण, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड आदि का पाठ व हनुमान जी का दर्शन करना कल्याणकारी रहेगा।