भोपाल, (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा शुरू किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों की बढ़ी सक्रियता पर मंगलवार को कांग्रेस ने सवाल उठाया और इसे सीबीआई जांच को प्रभावित करने की कोशिश करार दिया। भाजपा नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों द्वारा प्रदेशभर में कई जगह सीधे मीडिया से संवाद करने पर कांग्रेस की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने एक बयान जारी कर कहा, “सर्वोच्च न्यायालय द्वारा व्यापमं घोटाले और इससे जुड़ी मौतों की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद से भाजपा और सरकार बुरी तरह आहत है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री के पापों को छुपाने के लिए दो केंद्रीय मंत्रियों सहित कई बड़े नेताओं को दिल्ली से आना पड़ा है।”
मिश्रा ने कहा कि ये सभी नेता व्यापमं ‘महाघोटाले’ में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक स्वर में ‘गंगाजल से भी पवित्र’ बताते नहीं थक रहे हैं और उन्हें बचाने के प्रयास में कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं। भाजपा नेताओं की कोशिश सीबीआई जांच को प्रभावित करने की है।
भाजपा के अंदर झांकने का प्रयास करते हुए मिश्रा ने कहा कि मप्र से लोकसभा और राज्यसभा सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व कर रहे नरेंद्र सिंह तोमर और प्रकाश जावड़ेकर पत्रकार वार्ताओं के जरिए ‘व्यापमं का सच’ बताने में लगे हैं, लेकिन राजधानी भोपाल में ही मौजूद केंद्रीय मंत्री उमा भारती व्यापमं पर मीडिया से चर्चा करने को तैयार नहीं हैं, जबकि उन्होंने एसआईटी जांच पर सवाल उठाया था और सीबीआई जांच की मांग भी की थी।