भोपाल, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में हुए व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की आंच का असर अब उन लोगों पर भी नजर आने लगा है, जिनके लिए सरकार और प्रशासन में बैठे लोग समय-समय पर कवच का कम किया करते थे। उन्हीं में से एक हैं इंदौर के श्री गोंविदराम सेकसरिया प्रौद्योगिक एवं विज्ञान संस्थान के संचालक डा़ सुधीर एस़ भदौरिया, जिनके इस्तीफे का गुरुवार को शासी निकाय ने अनुमोदन कर दिया।
संस्थान की शासी निकाय की बैठक गुरुवार को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में भदौरिया के इस्तीफे को मंजूरी दे दी गई। बैठक में संचालक पद के लिए विज्ञापन निकालने का निर्णय लिया गया। बैठक में प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा संजय सिंह, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डा़ पीयूष त्रिवेदी और संचालक तकनीकी शिक्षा आशीष डोंगरे उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि व्यापमं घोटाले के चलते भदौरिया भी सुर्खियों में रहे हैं, क्योकि वे व्यापमं के परीक्षा नियंत्रक जैस महत्वूपर्ण पद रहे और उनके कार्यकाल में कई परीक्षाओं के प्रश्नपत्र भी लीक हुए थे। इसी के चलते उन्हें व्यापमं से हटाकर इंदौर भेजा गया था।
सूचना के अधिकार के कार्यकर्ता और व्यापमं के व्हिसलब्लोअर डा. आनंद राय ने आईएएनएस से चर्चा करते हुए कहा कि भदौरिया ने व्यापमं में पदस्थ रहते हुए कई परीक्षाओं में गड़बड़ी कर कई अयोग्य लोगों केा दाखिला दिलाया है। दाखिला पाने वाले और उनके परिजन तो जेल पहुंच गए मगर भदौरिया अब भी खुले में है। उसे सरकार और कई बड़े नेताओं का संरक्षण है, इसीलिए उसे बचाया जा रहा है।
डा. राय का कहना है कि अगर सीबीआई भदौरिया पर शिकंजा कसे और पूछताछ करे तो कई सफेदपोशों के चेहरे बेनकाब हो जाएंगे और वे सलाखों के पीछे होंगे।