नई दिल्ली, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। समाज सुधारक और आध्यात्मिक मार्गदर्शक एम की कन्याकुमारी से कश्मीर तक की 16 महीने की पदयात्रा ‘वॉक ऑफ होप’ को पोप फ्रांसिस से समर्थन मिला है। पोप ने आशा व्यक्त की है कि इस तरह के मिशन से अंतर-विश्वास सद्भाव को बढ़ावा मिलेगा और भारत के लिए एक मजबूत और जीवंत भविष्य सुनिश्चित हो सकेगा।
एम ने रोम के वैटिकन में एक बैठक के दौरान शुक्रवार को पोप से मुलाकात की। पोप के साथ अपनी मुलाकात के बारे में एम ने कहा, “संत पोप फ्रांसिस ने शांति को बढ़ावा देने वाली पहल ‘वॉक ऑफ होप’ को अपना आशीर्वाद दिया।”
देश के 11 राज्यों से होकर गुजरने वाली 7500 किलोमीटर की देश भर की पदयात्रा ‘वॉक ऑफ होप’ की मुहिम चलाने वाले 67 वर्षीय समाज सुधारक ने कहा कि अपना समर्थन देकर, पोप महान मिशन के लिए अपना योगदान देने वाले भारतीय नेताओं और मशहूर हस्तियों के समूह में शामिल हो गए।
कन्याकुमारी से पिछले साल 12 जनवरी को पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद डॉ. कर्ण सिंह के द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किए गए और मानव एकता मिशन के द्वारा शुरू किए गए इस मिशन का लक्ष्य एक करोड़ भारतीयों तक पहुंचना है। पदयात्रा मई के पूर्वाद्ध में श्रीनगर में समाप्त होगी।
देश के 10 राज्यों की इस पदयात्रा के तहत अब तक 458 दिनों में 6450 किलोमीटर की दूरी तय कर ली गई है और अभी यह पठानकोट, पंजाब में है। इसके 19 अप्रैल को जम्मू पहुंचने की संभावना है। इस पदयात्रा में जिम्मेदार नागरिकों के विविध समूह योगदान दे रहे हैं। इस पदयात्रा के तहत तयशुदा मार्ग से थोड़ा हटकर बहाई, बौद्ध, ईसाई, हिंदू, मुस्लिम, जैन, यहूदी, सिख और पारसी धार्मिक स्थलों का दौरा किया जा रहा है।
‘वॉक हॉफ होप’ का मुख्य उद्देश्य आपसी सद्भाव, सभी के लिए समानता, सदा सतत रहने, महिला सशक्तीकरण, सामुदायिक स्वास्थ्य, शिक्षा और युवा विकास है।