कोलकाता, 21 जनवरी (आईएएनएस)। एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री ने बुधवार को कहा कि मध्य पूर्व के देशों में बढ़ रहे संकट की वजह से इस साल के अंत तक तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के पार चली जाएंगी, जिससे एक बार फिर वैश्विक तेल संकट की स्थिति पैदा होगी।
ब्रिटिश अर्थशास्त्री सिमोन हंट के मुताबिक अरब देशों में अमेरिका लगातार अपना प्रभाव खोता जा रहा है, जबकि रूस पर पाबंदी लगने के बावजूद रूस और चीन अरब देशों और तेल क्षेत्र में अपने पैर पसार रहे हैं।
इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक समारोह में हंट ने आईएएनएस से कहा, “इराक के तेल क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व जमाने की अमेरिकी इच्छा ने मध्य पूर्व के देशों में काफी संकट खड़ा किया है। ऐसी संभावना है कि इस साल इस क्षेत्र में राजनीतिक उथल-पुथल देखी जा सकती है, जिससे तेल की आपूर्ति में बड़ी बाधा पैदा होगी।”
सऊदी अरब के बाद रूस विश्व का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है।
अर्थशास्त्री हंट अर्थव्यवस्था की गति के हिसाब से कंपनियों को रणनीतिक सलाह भी मुहैया कराते हैं। उनके मुताबिक सऊदी अरब के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा जोखिम है।
उन्होंने कहा, “उत्तराधिकार की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है और सऊदी अरब में आंतरिक कलह की स्थिति होगी। बड़ी मुसीबत यमन से आने जा रही है।”
हंट के मुताबिक इस उथल-पुथल के बीच भारत में एक बार फिर ‘इंतजार करो और देखो की विदेश नीति’ होगी और यह शक्तिशाली देशों और मध्य पूर्व के देशों के साथ अपनी पूर्वस्थिति को बनाए रखेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।