नई दिल्ली, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। वेदांता लिमिटेड ने गुरुवार को वाराणसी के निकट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सांसद आदर्श ग्रामयोजना के तहत चयनित गांव नागेपुर में ‘नंदघर परियोजना’ की शुरुआत की। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने पहले नंदघर को राष्ट्र को समर्पित किया।
देश में अपनी तरह की पहली साझेदारी के रूप में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ मिलकर कंपनी देश भर में 4,000 ऐसे मॉडल आंगनवाड़ी अगले दो साल में आरम्भ करेगी।
भारत सरकार द्वारा एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत स्थापित एक सेवा वितरण इकाई के रूप में नंदघर मौजूदा आंगनवाड़ी का ही आधुनिक विस्तार है। वेदांता ने एक बयान जारी कर कहा कि कंपनी बालविकास और पोषण के माध्यम से राष्ट्रनिर्माण के लिए प्रतिबद्ध है तथा यह पहल उसी दिशा में एक कदम है।
वेदांता ने भारत सरकार के साथ सहयोग का हाथ मिलाया है जिससे बच्चों की देखभाल और शिक्षा केंद्रों के रूप में देश के आंगनवाड़ी केन्द्रों को रूपांतरित किया जा सके। हमने भारत में 4000 आधुनिक आंगनवाड़ी का एक नेटवर्क बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर कार्य शुरू किया है जिन्हें नंदघर के नाम से जाना जाएगा।
स्मृति ईरानी ने इस अवसर पर कहा, “आंगनवाड़ी में देश का भविष्य पलता है और उसी भविष्य को तकनीक के माध्यम से संवारने का काम वेदांता नंदघर में किया जाएगा।”
उन्होंने बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की जयंती अवसर पर हुए उद्घाटन को सुखद संयोग बताते हुए कहा कि आने वाले समय में इस प्रकार के 4000 नंदघर निर्मित होंगे।
वेदांता समूह के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया, “नंदघर परियोजना माननीय प्रधानमंत्री के उस विजन का प्रतिबिम्ब हैं जिसमें बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ ही महिलाओं के लिए कौशल विकास के साथ रोजगार सृजन प्रतिबद्धता पर बल दिया गया है।”
उन्होंने बताया कि नंदघर बच्चों के लिए सुबह शिक्षा और स्वास्थ्य केंद्र के रूप में चलाने के लिए और दोपहरी बाद व्यावसायिक कौशल के क्षेत्र में महिलाओं को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से तैयार किए जा रहे हैं। यह एक बदलाव लाने वाला कदम है जिससे देश में बच्चों के कुपोषण उन्मूलन और महिला उद्यमियों को तैयार करने का कार्य किया जाएगा। एक अनुमान के अनुसार 25 लाख बच्चों और महिलाओं को हर साल इस परियोजना के माध्यम से लाभ होगा।
‘इमारत भी शिक्षण का एक जरिया हो’ यूनिसेफ की इस अवधारणा के अनुसार नंदघर की संरचना के भीतर कई विषयों को सीखने की सुविधा होगी जो रोचकता के कारण बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए सहयोगी होगी।
वेदांता की समाज सेवी इकाई वेदांता फाउंडेशन पहले से ही सरकार की सेवाओं में सहयोग और पोषण के साथ ही राजस्थान और ओडिशा में 3000 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में एक लाख से ज्यादा बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है। यह संख्या आने वाले वर्षों में और आगे बढ़ेगी।