नई दिल्ली, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ दायर आय से अधिक संपत्ति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के एजेंट आनंद चौहान के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार की अदालत में दायर इस आरोप पत्र पर सात सितंबर को सुनवाई होगी।
ईडी ने अदालत से कहा कि वीरभद्र एवं उनकी पत्नी के खिलाफ अभी और जांच की जा रही है और बाद में वह इस मामले में पूरक आरोप पत्र दायर कर सकता है।
चौहान पर वीरभद्र सिंह के केंद्रीय इस्पात मंत्री के रूप में कथित रूप से अर्जित कालेधन को सफेद करने में संलिप्त रहने का आरोप है।
आरोप पत्र में चौहान पर आरोप लगाया गया है कि वीरभद्र सिंह की कथित काली कमाई के 5.14 करोड़ रुपये को उसने वीरभद्र और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह सहित परिवार के अन्य सदस्यों के नाम एलआईसी की पॉलिसियों की खरीद में निवेश किए।
ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट(पीएमएलए) के तहत चौहान को गत आठ जुलाई को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया था।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ धन शोधन (मनी लांड्रिंग) मामले में ईडी ने यह पहली गिरफ्तारी की है।
इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो भी कर रहा है।
बताया जाता है कि सीबीआई ने यह पता लगा लिया है कि वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय इस्पात मंत्री के रूप में वर्ष 2009 से 2011 के बीच अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 6.03 करोड़ रुपये अर्जित किए, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है।