नई दिल्ली, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। राजनीति के प्रतिरूप और भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की विरासत के दावे को लेकर राजनीतिक पार्टियों में टकराव के बीच मंगलवार को 124वीं जयंती पर बाबा साहेब पूरे देश में याद किए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। वह स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण योद्ध थे और देश के पहले कानून मंत्री व भारतीय संविधान के प्रधान निर्माता थे।
सुबह के समय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई अन्य सांसदों ने संसद परिसर में बाबासाहेब को श्रद्धांजलि अर्पित की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने अंबेडकर की विरासत का दावा करने की स्पर्धा में पूरे देश में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया जो अंबेडकर को अपनी पार्टी और दलितों का प्रतिरूप मानती हैं। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों पार्टियां दलित वोट पाने का प्रयास कर रही हैं।
मोदी ने अंबेडकर को श्रद्धांजति अर्पित करते हुए ट्वीट किया, “आइए हम भारत को डॉ. अम्बेडकर के सपनों का देश बनाने के लिए अपने आपको समर्पित करने की सौगंध लें जिस पर उन्हें गर्व हो।”
उन्होंने कहा, “डॉ. अंबेडकर युगपुरुष थे, जो करोड़ों भारतीयों के दिलो-दिमाग में रहते हैं। हमारे देश के संविधान के निर्माण में उनके योगदान को कोई नहीं भुला सकता। उन्होंने अथक और नि:स्वार्थ रूप से देश और जनता की सेवा की है।”
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अंबेडकर की जयंती के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी। भारतीय संविधान के निर्माता को ‘आधुनिक भारत का महान प्रतिरूप’ बताते हुए सोनिया ने कहा, “अंबेडकर ने अपने पूरे जीवन में देश में प्रगतिशील बदलाव लाने की जो उपलब्धि हासिल की है उसमें सदियां लग सकती हैं।”
सोनिया ने प्रमुख दलित नेता सुशील कुमार शिंदे को बाबा साहेब की जयंती मनाने के लिए उनके जन्मस्थल महू भेजा। महू मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में एक छावनी है।
शिंदे ने कहा कि बाबा साहेब केवल दलितों के ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के सभी वर्गो के प्रतिनिधि थे। उन्होंने कहा, “वह संविधान के निर्माता थे और समाज के सभी वर्गों के नेता थे।”
भाजपा ने इस अवसर पर बिहार में एक विशाल रैली आयोजित कर चुनाव अभियान की शुरुआत की। पार्टी के वैचारिक मार्गदर्शक राष्ट्रीय स्वयं सेवक ने अपने मुखपत्र ‘द ऑर्गनाइजर’ का पूरा एक संस्करण उनके जीवन के समर्पित करने की तैयारी की है।
कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह दलित वोट के लिए अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल कर रही है। साथ ही पार्टी ने अंबेडकर की 125वीं जयंती तक पूरे साल समारोह आयोजित करने की योजना के लिए एक विशेष समिति गठित की है।
कांग्रेस के नेता पी.सी. चाको ने दिल्ली में कहा, “कोई भी राजनीतिक पार्टी खास तौर से भाजपा दलित वोट बैंक को बढ़ाने के लिए इस अग्रणी समाज सुधारक की विचारधाराओं को हड़प सकती है।”
भाजपा ने कहा कि अंबेडकर जैसे महान नेता की दूरदृष्टि किसी एक परिवार की जागीर नहीं है, बल्कि वह पूरे देश के लिए है।
अंबेडकर की विरासत के पीछे की प्रतिस्पर्धा का कारण पूछे जाने पर भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने आईएएनएस से कहा, “इस तरह के महान नेता किसी परिवार और राजनीतिक पार्टी की जागीर नहीं है। उनकी दूरदृष्टि देश और मानवता के लिए है।”
मायावती ने इसी बीच कांग्रेस और भाजपा पर अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया।
मायावती ने कार्यकर्ताओं से कहा, “उन्होंने (राजनीतिक पार्टियों) हमेशा अंबेडकर का विरोध किया है। वे एक दूसरे को पछाड़ने के लिए अंबेडकर की सालगिरह मनाने के नाटक में लगे हुए हैं।” उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां दलितों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती हैं और उनके कल्याण के लिए कभी काम नहीं करतीं।
उनकी पार्टी के धुर विरोधी और उत्तर प्रदेश की सत्ताशीन समाजवादी पार्टी ने राजनीतिक चाल चलते हुए बाबा साहेब के निर्वाण दिवस छह दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में विधानसभा परिसर में लगी अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और पुष्पांजलि अर्पित की।
अंबेडकर एक विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे जिन्होंने दलितों, महिलाओं और मजदूरों के नस्लीय भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया था।