नई दिल्ली, 17 दिसम्बर – राज्य सभा में बुधवार को एक विधेयक पेश किया गया, जिसमें विमान अपहर्ताओं को मौत की सजा तथा अपहृत विमान को मार गिराने के लिए सुरक्षा बलों को अधिकार देने की बात कही गई है। कथित धर्मातरण को लेकर सदन में चल रहे हंगामे के बीच इस विधेयक को पेश किया गया।
नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने विधेयक के पुराने संस्करण को वापस लिया तथा अपहरण रोधी (संशोधन) विधेयक, 2014 पेश किया।
नया कानून एंटी हाईजैक कानून में संशोधन करेगा और इसमें नवीनतम वैश्विक संधियों जैसे यूएन बॉडी इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (आईसीएओ) के बीजिंग प्रोटोकॉल, 2010 को सम्मिलत किया जाएगा, जिसे भारत ने अंगीकार कर उसपर हस्ताक्षर किया था।
यह प्रोटोकॉल 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 का अपहरण तथा 11 सितंबर, 2001 में अमेरिका में आतंकवादी हमले के मद्देनजर लाया गया था।
यह विधेयक संबंधित एजेंसियों को अपहृत विमान को स्थिर करने तथा भारतीय वायु सेना के सैनिकों को उसके मार्ग में अवरोध पैदा कर उसे हवाईअड्डे पर उतरने के लिए मजबूर करने का भी अधिकार देता है।
अगर इस बात के सबूत हों कि अपहृत विमान का इस्तेमाल एक मिसाइल की तरह हमले के लिए किया जा सकता है, तो उसे मार गिराया जा सकता है।