देहरादून, 7 अप्रैल (आईएएनएस)। नमामि गंगे परियोजना की विफलता से लेकर उत्तराखंड में बेरोजगारी बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने रविवार को केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ एक आरोपपत्र जारी किया।
आरोपपत्र में कहा गया है कि केंद्र और प्रदेश की सरकारों ने अपने वादे पूरे नहीं किए।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवप्रभात द्वारा तैयार किया गया 12 पृष्ठों का आरोपपत्र लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में प्रदेश में 11 अप्रैल को होने वाले मतदान के चार दिन पहले जारी किया गया है। आरोपपत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने गंगा को स्वच्छ बनाने के नाम पर 20,000 करोड़ रुपये की राशि बर्बाद कर दी।
आरोपपत्र के अनुसार, “नमामि गंगे परियोजना के नाम पर जनता का 20,000 करोड़ रुपये का धन बहा दिया गया, जबकि गंगा मैया की सफाई के बारे में असलियत सबको मालूम है। सर्वेक्षण बताता है कि गंगा में प्रदूषण बढ़ा है।”
आरोपपत्र में सरकार से पिछले पांच साल में गंगा की सफाई के लिए स्थापित किए गए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की संख्या की जानकारी मांगी गई है।
इसमें कहा गया है कि दूेहरादून में अति प्रदूषित रिस्पाना और बिंदल नदियों की सफाई का कार्यक्रम भी निलंबित हो गया है। ये दोनों गंगा की सहायक नदियां हैं।
आरोपपत्र में उत्तराखंड में बेरोजगारी का मसला उठाते हुए कहा गया है कि प्रदेश में 10 लाख से ज्यादा पंजीकृत शिक्षित बेरोजगार हैं।
आरोपपत्र में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नई नौकरियां पैदा करने का वादा किया था, लेकिन अब तक सरकार ने युवाओं को धोखा ही दिया है।
आरोपपत्र के अनुसार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की खामियों के कारण सरकारी नियंत्रण में उत्तराखंड प्रदेश औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडकुल) द्वारा संचालित औद्योगिक क्षेत्र में 20,000 लोगों की नौकरियां जाने के कगार पर है।
आरोपपत्र में कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने करीब 700 स्कूलों को बंद करवा दिया है जबकि कोई नई व्यवस्था नहीं की गई है। अगर स्कूलों को बंद करवाने का कार्यक्रम जारी रहेगा तो आगामी तीन साल में 2,430 स्कूल बंद हो जाएंगे।