नई दिल्ली, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकप्रिय फिल्म निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा जब 16 साल के थे, तो अंग्रेजी भाषा उनके सिर के ऊपर से निकल जाती थी, लेकिन आज वही विधु अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म ‘ब्रोकन हॉर्सेज’ लेकर हाजिर हैं। वह एक नवोदित फिल्मकार जैसा महसूस कर रहे हैं, जिसने साबित कर दिया कि एक बॉलीवुड फिल्मकार भी हॉलीवुड फिल्म बना सकता है।
पूर्व में विधु के निर्देशन की ‘परिदा’ और ‘1942 : अ लव स्टोरी फिल्म’ ऑस्कर के लिए नामांकित हो चुकी हैं।
विधु के दिमाग में पांच साल पहले एक हॉलीवुड फिल्म लिखने, उसका निर्देशन और निर्माण करने का ख्याल आया। वह इस नए सपने में रंग भरने और फिल्म निर्माण के प्रति अपने जुनून को साबित करने के लिए एक नए देश में नए लोगों के साथ जुट गए।
वह कहते हैं कि ‘ब्रोकन हॉर्सेज’ उनकी तार्किकता पर उनका जुनून हावी होने का प्रतीक है।
विधु ने मुंबई से फोन पर आईएएनएस के साथ एक बातचीत में बताया, “देखिए मैं कश्मीर के एक छोटे से गांव से हूं। मैंने कश्मीर के डी.ए.वी स्कूल से पढ़ाई की। मुझे 16 साल की उम्र तक इंग्लिश नहीं आती थी। मैं बस मरने से पहले एक बॉलीवुड फिल्म बनाने का सपना देखता था। लेकिन वह सपना पूरा होने के बाद मैं अपने पुरस्कारों के साथ बैठ सकता था या मैं नए सपने संजो सकता था।”
उन्होंने नए सपने देखने का फैसला लिया। जब उनका वृत्तचित्र ‘ऐन एनकाउंटर विद फेसेज’ अकादमी पुरस्कार के ‘डॉक्यूमेंटरी शॉर्ट सबजेक्ट’ श्रेणी में नामांकित हुआ, तो उनमें अमेरिका जाकर एक फिल्म बनाने की ललक उठी।
विधु ने कहा, “मैं यह साबित करना चाहता था कि वे जो करते हैं, वो हम भी कर सकते हैं। जैसा कि हम में से अधिकांश लोग जानते हैं कि हॉलीवुड हिंदी सिनेमा को कमतर आंकता है और उनकी सोच यह है कि हमारी फिल्में शोर-शराबे वाली और अतिश्योक्तिपूर्ण होती हैं।”
विधु ने बताया, “फिल्म निर्माता-निर्देशक जेम्स कैमरन और अल्फोंसो कुआरोंन जैसे लोग मेरी फिल्म के बारे में बातें कर रहे हैं। मैंने अपनी बात साबित कर दी कि हम भी हॉलीवुड फिल्में बना सकते हैं।”
दो करोड़ डॉलर में बनी ‘ब्रोकन हॉर्सेज’ में मारिया वैल्वर्ड, थॉमस जेन, एंटन येल्चिन और विंसेंट डीओनोफ्रियो सरीखे हॉलीवुड सितारे हैं। फिल्म को रिलायंस एंटरटेनमेंट के अनिल अंबानी का समर्थन प्राप्त है।
फिल्म 10 अप्रैल को रिलीज होने जा रही है। विधु अन्य विदेशी फिल्मों पर भी काम करने के लिए तैयार हैं।