पटना, 9 नवंबर –बिहार में लगा विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला विदेशी सैलानियों को खूब भा रहा है, और यही कारण है कि यहां विदेशी सैलानियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। अपने गौरवशाली अतीत को संजोए, हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में पर्यटन विभाग ने भी विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने का पूरा इंतजाम किया है।
हर साल कार्तिक पूर्णिमा से लगने वाला यह मेला इस साल छह नवंबर को शुरू हुआ। अभी तक 37 विदेशी पर्यटक इस मेले में पहुंचे हैं। इन विदेशी सैलानियों के ठहरने के लिए मेला परिसर में बनाए गए पर्यटन ग्राम में आधुनिक सुख-सुविधाओं से युक्त 18 स्विस कॉटेजों का निर्माण कराया गया है।
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा बनाए गए पर्यटन ग्राम के प्रबंधक मुकेश कुमार ने आईएएनएस को बताया कि अब तक 37 विदेशी सैलानी मेले का लुत्फ उठा चुके हैं। इनमें सबसे अधिक 16 सैलानी फ्रांस से आए थे।
उन्होंने बताया कि एक महीने तक चलने वाले इस मेले में अब तक जापान से छह, स्विजरलैंड से पांच, जर्मनी से दो और बेल्जियम से आए एक सैलानी ने इस मेले का आनंद लिया।
प्रबंधक ने दावा किया कि इसके अलावा कई विदेशी सैलानी पटना और हाजीपुर के विभिन्न होटलों में रहकर मेले का आनंद उठाने यहां पहुंच रहे हैं। पर्यटन विभाग ने पटना से आने-जाने वाले पर्यटकों के लिए लक्जरी बसों का भी प्रबंध किया है।
कुमार के अनुसार, ग्रामीण परिवेश में तैयार किए गए इन कॉटेजों में आधुनिक सभी सुख-सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। विदेशी सैलानियों को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो, इसके लिए पर्यटन ग्राम में ही रेस्टोरेंट और पार्किं ग की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
बकौल मुकेश, पर्यटन ग्राम में स्विस कॉटेज अब तक किसी दिन खाली नहीं रहा है और आगे के लिए भी बुक है। वह कहते हैं कि पिछले वर्ष 100 से ज्यादा विदेशी सैलानी सोनपुर मेले का आनंद उठाने यहां आए थे।
एक महीने तक चलने वाले इस मेले में आए विदेशी सैलानी मेले के बाजारों, घोड़ा दौड़ और हाथियों की जलक्रीड़ा देख अभिभूत हैं।
फ्रांस से आए एक पर्यटक ने कहा, “मैंने सोनपुर मेले के बारे में बहुत सुन रखा है, मैं यहां घोड़ा दौड़ और पक्षियों का बाजार देखकर रोमांचित हूं। मैंने मेले में मौत का कुआं और सर्कस का भी आनंद लिया।”
एक अन्य विदेशी पर्यटक क्रिस्टीना कहती हैं कि खाने के लिए भी यहां बहुत कुछ है। लिट्टी-चोखा का स्वाद लेने के बाद उन्होंने कहा, “यह बहुत स्वादिष्ट है।”
इस मेले में पशुओं का आकर्षण अब भी लोगों के दिल पर छाया हुआ है। बैल, कुत्ते और पक्षियों का बाजार गुलजार है। बकरी, घोड़ा, भैंस के बाजारों में खरीदारों की भीड़ लगी है।