यवतमाल (महाराष्ट्र), 3 अक्टूबर – विदर्भ के उत्तेजित किसान रविवार को इस बात का फैसला लेंगे कि विधानसभा चुनाव में वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को समर्थन देंगे या नहीं। इस आशय की जानकारी शुक्रवार को यहां एक कार्यकर्ता ने दी। राज्य में 15 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कराया जाएगा।
विदर्भ जन आंदोलन समिति (वीजेएएस) के प्रमुख किशोर तिवारी ने आईएएनएस को बताया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के भाजपा नेताओं ने एक करोड़ से ज्यादा किसानों में बहुत ज्यादा उम्मीदें बढ़ाई और बड़े-बड़े वादे किए और वे अब पूरी तरह भुला दिए गए। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सत्ता के भूखे प्रदेश स्तरीय नेताओं ने किसानों के बीच निराशा को बढ़ावा दिया है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के अपने सभी वादों से मुकरने के बाद किसे मतदान करें इस बारे में फैसला लेने के लिए रविवार को पंढरकवाड़ा (यवतमाल) में 10,000 किसान, विधवाएं और बेसहारा लोग जुटेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दो साल से क्षेत्र में कम वर्षा की वजह से प्राकृतिक आपदा झेल रहे किसानों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया था जिससे वे इस समस्या से उबर सकें।
तिवारी ने कहा, “लेकिन किसानों की आत्महत्या जारी है कृषि संकट और भी गंभीर हुई है..संप्रग सरकार की ही तरह राजग सरकार भी किसानों की उपेक्षा कर रही है। किसानों ने एक आशा के तहत राजग सरकार का समर्थन किया था लेकिन अब वह भी खोखला निकला।”
विदर्भ के किसानों की बैठक रविवार को होगी जबकि मोदी शनिवार को महाराष्ट्र में चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे।