नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। संरचनागत सुधार और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति में नरमी बरते जाने के कारण मौजूदा कारोबारी साल 2015-16 में भारत की विकास दर 7.9 फीसदी और 2016-17 में 8.1 फीसदी रहे सकती है। य बात सिटीग्रुप की एक रिपोर्ट में कही गई।
वित्तीय सेवा कंपनी ने अपनी एक शोध रिपोर्ट में कहा, “संरचनागत सुधार की जारी प्रक्रिया और मौद्रिक नीति में 25 आधार अंकों की नरमी बरते जाने और कमोडिटी मूल्य में उतार चढ़ाव के कारण देश की विकास दर बढ़कर 2015-16 में 7.9 फीसदी और 2016-17 में 8.1 फीसदी रहने की उम्मीद है।”
कंपनी ने कहा कि निवेश और खपत में आ रही तेजी के कारण विकास दर 2014-15 के 7.3 फीसदी से बढ़ सकती है।
बारिश कम रहने से हालांकि विकास दर पर नकारात्मक दबाव बन सकता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने ताजा मानसून सत्र में बारिश औसत से 12 फीसदी कम रहने का अनुमान जारी किया है।
कंपनी ने साथ ही कहा, “वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक संसद के मानसून सत्र में पारित हो जाने की उम्मीद है।”
कंपनी ने कहा कि सरकार अभी सांस्थानिक सुधार पर काम कर रही है, लेकिन विकास दर पर इसका प्रभाव कुछ समय बाद दिखेगा।