मिजार्पुर, 15 सितंबर – उत्तर प्रदेश के विंध्याचल मंडल के तीनों जिलों मिर्जापुर, सोनभद्र व संत रविदास नगर में मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव व रोकथाम न होने से मच्छरों की तादाद के साथ रोगियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। तीनों जिलों में फाइलेरिया का प्रकोप बढ़ रहा है। सीएमओ डॉ. आर.पी. गुप्ता का कहना है कि फाइलेरिया की रोकथाम के लिए जल्द अभियान चलाया जाएगा। (21:44)
इस मंडल की भौगोलिक बनावट भी मच्छरों के पनपने में सहायक सिद्ध हो रही है। मंडल का तीन चौथाई भाग वन, पहाड़ियों, नदी झरनों से आच्छादित है। इसके चलते वर्षभर यहां मच्छरों का प्रकोप रहता है। गंगा की तराई वाले इलाके भी मच्छरों के गढ़ बन चुके हैं। ऐसे में मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव व रोकथाम नहीं होने से मंडल में फाइलेरिया के रोगी बढ़ते जा रहे हैं।
मलेरिया की तरह फाइलेरिया भी मच्छर जनित बीमारी है, जिसका विकृत रूप हाथीपांव है। वरिष्ठ चिकित्सक नवनीत मोहन बताते हैं कि तेज ठंड के साथ बुखार आना और हाथ पैर या शरीर के किसी अंग में सूजन आना फाइलेरिया के लक्षण हैं। यदि शुरुआती दौर में इसका कारगर इलाज हो तो मरीज ठीक हो जाता है।
उन्होंने कहा कि लोगों को मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए हर संभव उपाय करने चाहिए। घर के अलावा आवास के आसपास की साफ सफाई रखें और सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल किया जाए।
वहीं सीएमओ डा. आर.पी. गुप्ता ने कहा कि फाइलेरिया के प्रकोप की जानकारी उन्हें है। उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम के लिए जल्द अभियान चलाया जाएगा।