Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 वाराणसी : बेसहारा बच्चों के लिए ‘तैरती पाठशाला’ | dharmpath.com

Thursday , 28 November 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » धर्मंपथ » वाराणसी : बेसहारा बच्चों के लिए ‘तैरती पाठशाला’

वाराणसी : बेसहारा बच्चों के लिए ‘तैरती पाठशाला’

वाराणसी, 21 जून (आईएएनएस)। देश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में अक्सर आपने घाटों पर गरीब और बेसहारा बच्चों को विदेशी सैलानियों के पीछे भागते या गंगा की तलहटी से चुम्बक के माध्यम से पैसे निकालते देखा होगा। अब इन बच्चों की जिंदगी में बदलाव शुरू हुआ है। एक स्वयंसेवी संस्था ने गंगा की लहरों पर ही ‘बोटिंग पाठशाला’ शुरू की है, जिसका लाभ इन बच्चों को मिल रहा है।

वाराणसी, 21 जून (आईएएनएस)। देश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में अक्सर आपने घाटों पर गरीब और बेसहारा बच्चों को विदेशी सैलानियों के पीछे भागते या गंगा की तलहटी से चुम्बक के माध्यम से पैसे निकालते देखा होगा। अब इन बच्चों की जिंदगी में बदलाव शुरू हुआ है। एक स्वयंसेवी संस्था ने गंगा की लहरों पर ही ‘बोटिंग पाठशाला’ शुरू की है, जिसका लाभ इन बच्चों को मिल रहा है।

बनारस की घाटों पर एक तरफ गंगा आरती तो उसी समय दूसरी ओर गंगा की लहर पर चलती है यह अनूठी बोटिंग पाठशाला। गंगा की लहर पर तैरती बजड़े पर चलने वाली अनूठी पाठशाला किसी शहरी स्कूल से कम नहीं है। यहां टीचर, ब्लैक बोर्ड और कापी किताब ही नहीं, कम्प्यूटर, टीवी और लाइब्रेरी की सुविधा भी है।

बनारस आने वाले सैलानी जब शाम के समय पर घाटों पर गंगा आरती देखने को तल्लीन रहते हैं, उस समय मानसरोवर घाट पर बोटिंग पाठशाला चल रही होती है। बच्चों को उन्हीं के माहौल में पढ़ाई-लिखाई से जोड़ने की मुहिम सामाजिक संस्था ‘गुड़िया’ की ओर से की गई है।

इस संस्था के अध्यक्ष अजित सिंह ने बताया कि इसके लिए खासतौर पर लिए गए बजड़े (एक तरह की बड़ी नाव) पर रोजाना तीन घंटे क्लास चलती है। बजड़े के ऊपरी हिस्से में मोटिवेशन एवं काउंसिलिंग सेंटर है, तो नीचे क्लासरूम व कम्प्यूटर सेंटर बनाया गया है।

अजित सिंह बताते हैं कि मिड-डे मिल की तरह बच्चों को यहां टॉफी और बिस्किट बांटे जाते हैं। इस बजड़े पर चल रहे स्कूल का मुख्य उद्देश्य गरीब एवं बेसहारा बच्चों को स्कूल जाने लायक तैयार करना है।

वह कहते हैं, “इस स्कूल में 70 बच्चों को पंजीकृत किया गया है। इनके लिए कापी किताब की व्यवस्था संस्था की ओर से किया जाता है। यहां पढ़ाने वाले शिक्षक बच्चों को जोड़-घटाना के अलावा कम्प्यूटर तो सिखाते ही हैं, साथ ही उन्हें नशे से दूर रहने के बारे में जागरूक भी करते हैं।”

बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की माने तो उनकी कोशिश इन बच्चों को स्कूल में पढ़ने लायक तैयार करने की होती है। प्रतिभावान बच्चों का नाम स्कूलों में लिखवाने की व्यवस्था संस्था की तरफ से की गई है।

अजित बताते हैं कि टाटा कैपिटल ने इस पाठशाला पर लघुफिल्म बनाकर ऑनलाइन अभियान चलाने की तैयारी की है। इसके साथ ही इस पाठशाला को और आधुनिक बनाने के लिए टाटा की ओर से भी सहयोग किया जाएगा। बच्चों के लिए म्यूजिक क्लास भी शुरू करने की योजना है, ताकि इन बेसहारा बच्चों को भी बनारस की सांस्कृतिक विरासत से रू-ब-रू किया जा सके।

वाराणसी : बेसहारा बच्चों के लिए ‘तैरती पाठशाला’ Reviewed by on . वाराणसी, 21 जून (आईएएनएस)। देश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में अक्सर आपने घाटों पर गरीब और बेसहारा बच्चों को विदेशी सैलानियों के पीछे भागते या गंगा की तलहटी से च वाराणसी, 21 जून (आईएएनएस)। देश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में अक्सर आपने घाटों पर गरीब और बेसहारा बच्चों को विदेशी सैलानियों के पीछे भागते या गंगा की तलहटी से च Rating:
scroll to top