वाराणसी, 7 जून (आईएएनएस)। समाज की मुख्यधारा से दूर सुधार गृह में कैद लड़कियों (संवासिनियों) की कड़ी मेहनत अब रंग लाने लगी है। उनकी लगन और परिश्रम का ही नतीजा है कि उनके हुनर को अब रैंप पर नई पहचान मिलने वाली है।
वाराणसी, 7 जून (आईएएनएस)। समाज की मुख्यधारा से दूर सुधार गृह में कैद लड़कियों (संवासिनियों) की कड़ी मेहनत अब रंग लाने लगी है। उनकी लगन और परिश्रम का ही नतीजा है कि उनके हुनर को अब रैंप पर नई पहचान मिलने वाली है।
अभिनेत्री हुमा कुरैशी, पूर्व मिस इंडिया अदिति आर्या और युक्ता मुखी जैसी टॉप मॉडल जल्द ही जेल में बंद संवासिनियों की ओर से तैयार डिजाइनर परिधान पहने रैंप पर दिखाई देंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जैतपुरा में चल रहे सुधार गृह का नजारा पिछले कुछ दिनों में बदल गया है। कुछ महीने पहले तक यहां रहने वाली लड़कियों की जिंदगी का कोई मकसद नहीं था, लेकिन अब मकसद मिल गया है।
योग सूत्र ट्रस्ट की संचालिका पुष्पांजलि शर्मा ने संवासिनी गृह में रहने वाली लड़कियों को पांच महीने पहले ही योग के जरिए जीवन सुधारने की कला सिखाना शुरू किया था। मोटिवेशन और काउंसिलिंग के जरिये उन्होंने इन लड़कियों के हुनर को परखने के बाद अपने कदम बढ़ाने का फैसला किया तो इन लड़कियों की जिंदगी बदलनी शुरू हो गई।
अब यही संवासिनियां सुधार गृह में खूबसूरत गाउन तैयार करने में जुटी हैं। फैशन डिजाइनर रूपाली के निर्देशन में सुधार गृह परिसर में ही 24 लड़कियां ब्लू व व्हाइट कलर कॉम्बिनेशन वाले 10 गाउन तैयार कर रही हैं। बनारस के एक पांच सितारा होटल में 13 जून को एक फैशन शो आयोजित किया जाएगा, जिसमें कई नामी मॉडल इन परिधानोंको पहने हुए नजर आएंगी।
योगगुरु पुष्पांजलि शर्मा कहती हैं, “13 जून को आयोजित होने वाले फैशन शो के लिए अदिति आर्या, हुमा कुरैशी और युक्ता मुखी को खासतौर पर आमंत्रित किया गया है। उम्मीद है कि इस फैशन शो के जरिये बनारस की इन संवासिनियों को नई पहचान मिलेगी।”
उन्होंने बताया कि इस फैशन शो के बाद एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, ताकि हर कोई इनके हाथों की कारीगरी को देख सके। बिक्री से होने वाली आय के जरिये आने वाले दिनों में आर्ट एंड क्राफ्ट प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा।
सुधार गृह में ही तैयार होने वाले परिधानों व अन्य सामान की ऑनलाइन बिक्री के लिए जुबेनाइल होम शॉप भी खोले जाने की योजना है। जिस संवासिनी के सामान की बिक्री होगी, उसका पैसा सीधे उसके खाते में जमा करा दिए जाएंगे।
संवासिनी गृह की अधीक्षक उर्मिला राय ने आईएएनएस को बताया, “ट्रस्ट की पहल से इन लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ा है। इनका उत्साह देखते ही बन रहा है। यहां पर अब हर कोई कुछ करने के लिए लालायित दिख रहा है।”
जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात रंजन कहते हैं कि इस तरह की शुरुआत से निश्चित तौर पर सुधार गृह में रह रहीं लड़कियों के जीवन में बदलाव आएगा। इस तरह की संस्थाएं पहले सरकार के साथ मिलकर काम करने से हिचकती थीं, लेकिन अब उनकी सक्रियता एक शुभ संकेत है।