नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने मंगलवार को कहा कि गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में और भी ज्यादा वन और हरित क्षेत्र को विकसित किया जाना चाहिए, ताकि इस नदी का प्रदूषण रुक सके।
नरेंद्र मोदी सरकार की गंगा को साफ करने और इसका प्रदूषण दूर करने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए उन्होंने कहा कि वनों से मिट्टी का कटाव रुकता है, भूजलस्तर में वृद्धि होती है तथा जमीन को ज्यादा पानी सोखने में मदद मिलती है।
जावेड़कर ने यहां जल संसाधन मंत्री उमा भारती के साथ फॉरेस्ट्री इंटरवेंसन फॉर गंगा की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जारी करने के दौरान यह बात कही।
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस रिपोर्ट को फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट देहरादून ने तैयार किया है।
जावेड़कर से सहमति जताते हुए उमा भारती ने कहा कि गंगा के किनारे बड़े पैमानों पर पेड़ पौधों को लगाने के जलीय जीवों की संख्या में भी वृद्दि होगी।
उन्होंने कहा कि पेड़ लगाने के इस कार्यक्रम की शुरुआत उत्तराखंड से होगी। उसके बाद उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में इस परियोजना को लागू किया जाएगा।
यह परियोजना राज्य वन विभाग द्वारा लागू की जाएगी और इसे पांच सालों में 2016 से 2021 के दौरान पूरा किया जाएगा।