मुंबई, 22 फरवरी (आईएएनएस)। मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने सोमवार को सेवानिवृत न्यायमूर्ति आर.एम.लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति की बोर्ड के कामकाज में सुधार तथा बदलाव सम्बंधी कुछ सिफारिशों के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाने का फैसला किया है।
मुंबई, 22 फरवरी (आईएएनएस)। मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने सोमवार को सेवानिवृत न्यायमूर्ति आर.एम.लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति की बोर्ड के कामकाज में सुधार तथा बदलाव सम्बंधी कुछ सिफारिशों के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाने का फैसला किया है।
यह फैसला एमसीए की प्रबंधन समिति की सोमवार को हुई बैठक में लिया गया। एमसीए का मानना है कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने में काफी समस्याएं आ रही हैं।
एमसीए ने एक बयान में कहा, “लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर एमसीए की प्रबंधन समिति की बैठक हुई थी। जिसमें यह तय किया गया है कि एमसीए देश की सर्वोच्च न्यायालय में समिति की सिफरिशों को लागू करने में आ रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए हस्ताक्षेप याचिका दायर करेगी।”
बयान में कहा गया है, “प्रबंधन समिति ने उपाध्यक्ष और सह-सचिव आशीष शेलर को इसके लिए नियुक्त किया है, जो सही कानूनी सलाह लेकर याचिका दयार करेंगे।”
इंडियम प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 2013 संस्करण में स्पॉट फिक्सिंग व सट्टेबाजी प्रकरण के बाद क्रिकेट की सफाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लोढ़ा समिति का गठन किया गया था।
तीन सदस्यीय इस समिति ने सर्वोच्च न्यायालय के सामने अपनी रिपोर्ट पेश की थी, जिसे अगर लागू कर दिया जाए तो क्रिकेट की प्रशासनिक व्यावस्था में काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
इन सुझावों में बोर्ड के अधिकारियों आयु सीमा 70 वर्ष निर्धारित करना भी था, जिसका सीधा असर एमसीए के अध्यक्ष शरद पवार पर पड़ेगा जिनकी उम्र 75 वर्ष है।
एक राज्य एक वोट की लोढ़ा समिति की सिफारिश का भी असर एमसीए पर पड़ेगा क्योंकि महाराष्ट्र में बीसीसीआई से संम्बद्ध चार ईकाई हैं जिनमें मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए), विदर्भ क्रिकेट संघ, महाराष्ट्र क्रिकेट संघ, मुंबई स्थिति क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई) शामिल है।
कई और राज्य क्रिकेट संघों ने लोढा समिति की सिफारिशों का विरोध किया है जिनमें बंगाल, दिल्ली, सौराष्ट्र शामिल हैं।
इससे पहले बीसीसीआई ने भी लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाने का फैसला किया था।