तिरुवनंतपुरम, 25 मई (आईएएनएस)। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लोकसभा चुनाव में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की हार के मद्देनजर इस्तीफे की हो रही मांग पर चुप्पी तोड़ते हुए शनिवार को कहा कि नतीजे उनकी सरकार के खिलाफ नहीं आए हैं, इसलिए इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता।
अपने कार्यालय के बाहर संवाददताओं से बातचीत में विजयन ने कहा, “इस हार की अपेक्षा नहीं थी। ये नतीजे हमारी सरकार के खिलाफ नहीं हैं, इसलिए इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता।”
केरल में लोकसभा की 20 सीटों में से एलडीएफ को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली है, जबकि पिछली लोकसभा में उसकी आठ सीटें थीं। इस बार बाकी सीटें कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के खाते में चली गई हैं। भाजपा इस राज्य में अपना खाता खोलने में विफल रही।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) चुनाव में एलडीएफ की हार पर चर्चा के लिए महीने के अंत में दो दिवसीय बैठक करने जा रही है।
विजयन ने इस बात को खारिज किया कि चुनाव में सबरीमाला विवाद की भूमिका रही। उन्होंने कहा, “अगर यह बड़ा चुनावी मुद्दा था, तो भाजपा ने महज एक से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कैसे किया। सबरीमाला कोई मुद्दा नहीं था। लेकिन हम इसकी जांच कराएंगे कि क्या कुछ लोगों ने आस्था से जुड़े इस मुद्दे को गलत समझा?”
विजेता उम्मीदवारों द्वारा मुख्यमंत्री की कार्यशैली को अपनी जीत का कारण बताए जाने पर विजयन ने कहा, “हमेशा से मैंने एक ही कार्यशैली रखी है और आगे भी ऐसा ही रहेगा। मैं इसे बदलने नहीं जा रहा हूं।”
यह जिक्र किए जाने पर कि उनका अहंकार भी चर्चा का केंद्रबिंदु रहा है, उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, “लोगों को सबकुछ पता है।”
उनके इस जवाब पर राज्य भाजपा अध्यक्ष पी. श्रीधरन पिल्लई हंसे और उन्होंने कहा कि विजयन के बारे में यह कहना बेहतर होगा कि वह ‘पूरी तरह कन्फ्यूज’ हैं।
पिल्लई ने कहा, “उनकी मत साझेदारी 2016 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 12 फीसदी से कम हो गई है और वह अभी भी कहते हैं कि सब ठीक है।”
मीडिया समालोचक एस. जयशंकर ने कहा, “इसे पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के 2009 के एक बयान से जोड़कर देखा जा सकता है। उस समय राज्य में लोकसभा चुनाव में वाम मोर्चा की सीटों का आंकड़ा घटा था। उन्होंने कहा था कि इससे राज्य सरकार का कोई लेनादेना नहीं है।”
उन्होंने कहा, “इसके बाद माकपा का क्या हुआ, उस पर गौर कीजिए। विजयन द्वारा दिया गया यह बयान कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ का अच्छा उपहास है, क्योंकि वे जानते हैं कि क्या होने वाला है।”