नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार को कांग्रेस के 25 सांसदों को सदन की कार्यवाही में जानबूझकर बाधा पहुंचाने पर पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
हंगामा कर रहे गौरव गोगोई, सुष्मिता देव, रंजीता रंजन, के.सी.वेणुगोपाल तथा दीपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कांग्रेस के 25 सांसदों को नियम 374 (ए) के तहत निलंबित किया गया।
नियम 374 (ए) के तहत, किसी सदस्य द्वारा अध्यक्ष के आसन के निकट आकर अथवा सदन में नारे लगाकर या अन्य प्रकार से सदन की कार्यवाही में बाधा डालकर लगातार और जानबूझकर सदन के नियमों का उल्लंघन करते हुए घोर अव्यवस्था उत्पन्न करने की स्थिति में अध्यक्ष द्वारा सदस्य का नाम लिए जाने पर वह सदन की सेवा से लगातार पांच बैठकों के लिए या सत्र की शेष अवधि के लिए, जो भी कम हो, स्वत: निलंबित हो जाता है।
अध्यक्ष के आसन के निकट आकर प्रदर्शन करने वाले कांग्रेस सदस्यों ने अध्यक्ष द्वारा नाम लिए जाने के बाद भी अपना प्रदर्शन जारी रखा।
इससे पहले, लोकसभा के सचिव ने कहा कि 27 सदस्यों को निलंबित किया गया है। बाद में उन्होंने संख्या में सुधार करते हुए उसे 25 बताया।
संसद में जारी गतिरोध दूर करने को लेकर सरकार द्वारा बुलाई सर्वदलीय बैठक के नाकाम होने के बाद अध्यक्ष की यह कार्रवाई सामने आई है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस के सदस्य सदन में तख्तियां लहरा रहे थे और नारेबाजी कर रहे थे।
वे ललित मोदी व मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मामले को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
लोकसभा में कांग्रेस के 44 सदस्य हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों से बार-बार अनुरोध किया कि उन्हें सदन में तख्ती नहीं लहराना चाहिए तथा अध्यक्ष की आसंदी के निकट का स्थान खाली कर देना चाहिए। लेकिन सदस्यों के बाज न आने पर उन्होंने सांसदों को निलंबित कर दिया।
निलंबन के तुरंत बाद महाजन ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।