सिंगापुर, 29 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि सिंगापुर के प्रथम प्रधानमंत्री ली कुआन यू समकालीन राजनीति के एक महान नेता और भारत के मित्र थे। ली का रविवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया।
ली के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रविवार सुबह सिंगापुर पहुंचने के बाद मोदी ने कहा कि ली को भारत की क्षमता में अधिक भरोसा था।
ली (91) का सोमवार को निधन हो गया। वह निमोनिया से पीड़ित थे। मोदी विश्व के उन नेताओं में हैं, जो ली को अंतिम विदाई देने पहुंचे हैं।
भारतीय प्रधानमंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “ली कुआन यू के निधन से एक युग का अंत हो गया है। वह हमारे समय के एक महान नेता थे।”
उन्होंने कहा, “वह वैश्विक विचारक थे। वह आर्थिक प्रगति की वकालत करते थे, और साथ ही उन्होंने हमारे क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता लाने के लिए अथक प्रयास किया।”
मोदी ने कहा कि ली की निजी जिंदगी उनके जैसे ही कइयों के लिए प्रेरणा रही है। प्रधानमंत्री ने संवेदना पुस्तिका में लिखा, “वह न सिर्फ सिंगापुर बल्कि पूरे एशिया के लिए आशा की मशाल थे।”
उन्होंने कहा, “आज, वह मशाल नहीं रहा, लेकिन यह एक ऐसा मशाल था जिसने कई नए देशों में आशा के दीप जला दिए हैं। आशा के ये दीप जबतक जलते रहेंगे, तबतक वह हमें प्रेरित करते रहेंगे। मैं भारत की जनता की तरफ से इस प्रतिबद्ध कर्मयोगी, महान शख्सियत को नमन करता हूं। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
उन्होंने कहा कि ली भारत की क्षमता में हममें से कइयों से ज्यादा भरोसा करते थे। मोदी ने कहा, “भारत का सिंगापुर के साथ संबंध विश्व में अन्य देशों की तरह ही मजबूत था और सिंगापुर भारत के एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मुख्य स्तंभ है।”
इस बीच, भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि मोदी ने अंतिम संस्कार से अलग सिंगापुर के वरिष्ठ नेता गोह चोक तांग, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट, सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री टी.षणमुगरत्नम, इजरायल के राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और कनाडा के गवर्नर जनरल डेविड जॉनस्टोन से मुलाकात की।
ली के अंतिम संस्कार में ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी शामिल हुए।