(खुसुर-फुसुर)– लाल बत्ती की दौड़ में शोर्ट-कट से दौड़ लगा रहे एक मप्र भाजपा के नेताजी अपने आका जिन्होंने उनके लिए अपना वीटो चलाया है को लेने उड़न-खटोला स्थल पर पहुंचे.हड़बड़ी या दिवास्वप्न में महोदय यह भूल गए की गुलदस्ता भी ले जाया जाय.जब वे उड़न-खटोला स्थल पर पहुंचे तो अवाक रह गए क्योंकि वहां आये सभी आगंतुक गुलदस्ता ले कर आगवानी करने आये हुए थे.
लेकिन स्वभावतः अफसरगिरी से बाध्य इन नेताजी ने एक युवा कार्यकर्ता की तरफ देखा जो इनकी नजरों से बेखबर उड़नखटोले की तरफ निगाह जमाये हुए था अपने हाथों में गुलदस्ता लिए था और नेताजी ने तेजी से झपट्टा मारते हुए गुलदस्ता हडपा और दौड़ लगा दी.
बेचारा कार्यकर्ता इन राजनैतिक अनुभवों से अनजान हक्का-बक्का खड़ा रह गया और नेताजी ने अपनी हसरत पूरी कर ली.हाँ आपको बता दें की इन्होने उस नवयुवक के गुलदस्ते के पैसे भी नहीं दिए.