लखनऊ , 22 जुलाई (आईएएनएस)। लखनऊ नगर निगम आम लोगों से तो बकाया टैक्स वसूलने में कभी कोताही नहीं बरतता लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यालय और उनके निवास पर लाखों रुाये का हाउस टैक्स बकाया है लेकिन इस टैक्स की वसूली करने में निगम के अधिकारियों की सांसे फूल रही हैं। मामला हाई प्रोफाइल होने की वजह से कोई भी अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नही है।
लखनऊ , 22 जुलाई (आईएएनएस)। लखनऊ नगर निगम आम लोगों से तो बकाया टैक्स वसूलने में कभी कोताही नहीं बरतता लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यालय और उनके निवास पर लाखों रुाये का हाउस टैक्स बकाया है लेकिन इस टैक्स की वसूली करने में निगम के अधिकारियों की सांसे फूल रही हैं। मामला हाई प्रोफाइल होने की वजह से कोई भी अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नही है।
दरअसल सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत यह जानकारी सामने आयी है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ऑफिस पर 63,31,267 रूपये और आवास पर 3,53,662 रूपये नगर निगम का हाउस टैक्स बकाया है।
नगर निगम सूत्रों की माने तो मामला मुख्यमंत्री से जुड़े होने के कारण अधिकारी इस बारे में किसी को जानकारी देने से साफतौर पर इंकार कर देते हैं लेकिन आरटीआई के जरिये इसका खुलासा हुआ है।
सामाजिक कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने आरटीआई दायर कर इसकी जानकारी मांगी थी। उन्होंने बताया, “आरटीआई में जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार अखिलेश यादव के ऑफिस पर नगर निगम का करीब 6331266 रुपये हाउस टैक्स बकाया है। वहीं, इस साल का नया बकाया 1264307 रुपये और बकाया हो गया है।”
उर्वशी ने बताया कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ मुख्यमंत्री के कार्यालय पर ही हाउस टैक्स बकाया है। उनके आवास पर भी करीब 353662 रुपये बाकी हैं।
उर्वशी शर्मा ने 28 नवंबर 2014 को आरटीआई की अर्जी दाखिल की थी। लखनऊ नगर निगम ने 10 जुलाई, 2015 में इसका जवाब दिया है।
आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार जवाहर भवन में बड़े-बड़े अफसर बैठते हैं, उस पर भी करीब सात करोड़ रुपये बकाया है। साथ ही इंदिरा भवन पर भी करीब पांच करोड़ रुपये बकाया है।
नगर निगम के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “इन सभी सरकारी महकमों से हाउस टैक्स नहीं मिलने पर नगर निगम कंगाल होने की कगार पर है। नगर निगम की आय का मुख्य साधन हाउस टैक्स है, लेकिन जब ये ही नहीं मिलेगा तो लोगों को सुविधाएं कैसे दी जाएगी।”