इस सत्र में सेना पत्नी संघ की अध्यक्ष गीता साही सहित कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की पत्नियां भी शामिल हुईं। चिकित्सकों ने उनके सवालों के जवाब दिए और शंकाएं दूर कीं।
चिकित्सकों की टीम का नेतृत्व कमांडंेट मेजर जनरल अरूप कुमार पाल ने किया। वह जाने-माने मैक्सिलोफेशियल सर्जन भी हैं। विचार-विमर्श में विषेशज्ञों ने ओथोर्डान्टिया, प्रोस्थोडान्टिया, पैडियोडान्टिया, ओरल पैथोलॉजी एवं पब्लिक हेल्थ डेन्टिस्टी पर कई सवालों के जवाब दिए।
इस अवसर पर विशेषज्ञों ने दांतों से संबंधित आम समस्याओं से बचाव के तरीकों, समसामयिक इलाज की विधि जैसे-अल्ट्रासोनिक स्केलिंग, अप्लीकेशन ऑफ फ्लोराइड जेल्स, ब्लीचिंग ऑफ टीथ, रूट कैनाल ट्रीटमेंट, डेंटल इम्प्लाट्स एवं अन्य कई प्रभावी तरीकों पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि भारत में जानकारी के अभाव में ओरल हाइजीन जैसे गंभीर विषय को महत्व नहीं दिया जाता।
मेजर जनरल पॉल ने कहा कि ओरल कैविटी जैसी कई बीमारियों को दंत चिकित्सक के परामर्श से रोका जा सकता है। मसूड़ों से खून आना और दांतों में सड़न जैसी बीमारियों की कभी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।