नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। दुनिया की सबसे जटिल मोटरस्पोर्ट्स रेस डकार रैली को पूरी करना ही एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जाता है और भारत में सिर्फ एक ही रेसर यह उपलब्धि हासिल कर सका है, वो भी दो बार।
नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। दुनिया की सबसे जटिल मोटरस्पोर्ट्स रेस डकार रैली को पूरी करना ही एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जाता है और भारत में सिर्फ एक ही रेसर यह उपलब्धि हासिल कर सका है, वो भी दो बार।
कर्नाटक के सी. एस. संतोष भारत के इकलौते रेसर हैं जिन्होंने 2015 और 2017 में दो बार यह उपलब्धि हासिल की।
रेसिंग में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके संतोष करियर में अब कुछ नया करने जा रहे हैं। वह शुक्रवार से मुंबई में शुरू हो रही नेक्सा पी-1 पॉवरबोट इंडियन ग्रांप्री. में पानी के ऊपर रेस करते नजर आएंगे। संतोष प्रयोग के तौर पर इस खेल में उतर रहे हैं, हालांकि वह अपना पुराना खेल नहीं छोड़ेंगे।
आईएएनएस ने उनसे जब इसकी वजह पूछी तो उन्होंने कहा, “मैंने जमीन पर मुश्किल से मुश्किल चुनौती का सामना किया है, चाहे वो डकार रैली हो या कोई और। अब मैं समुद्र में खुद को परखना चाहता हूं। मैं इस नई चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार हूं और इसका अभ्यास भी कर रहा हूं। मैं पॉवरबोट रेसिंग में अपनी क्षमता को प्रदर्शित करना चाहता हूं।”
संतोष ने फोन पर बातचीत में बताया कि वह इसके लिए काफी मेहनत कर रहे हैं और उनकी टीम इस नए खेल के लिए उन्हें तैयार करने में लगी हुई है। संतोष ने ब्रिटेन में सात बार के विश्व विजेता और तीन विश्व रिकार्ड अपने नाम करने वाले नील होलमेस के मार्गदर्शन में पॉवरबोटिंग का प्रशिक्षण लिया है।
संतोष ने कहा, “मैं इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं और नई तरह की रेस की बारीकियां सीख रहा हूं। मेरी टीम मुझ पर काफी मेहनत कर रही है। मेरे नेविगेटर मुझे रेस के बारे में हर छोटी चीज से अवगत करा रहे हैं। इस खेल में मैंने जो नई चीज सीखी वह है, टीम के साथ काम करना।”
संतोष को उनके जुनून के लिए जाना जाता है। कई बार चोटिल होने के बाद भी उन्होंने रेस पूरी की है और लगातार ऐसी परिस्थितियों का समाना किया। इस नए प्रयोग के लिए वह मानसिक तौर पर कितने तैयार हैं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह खुले दिमाग से इसमें उतर रहे हैं।
संतोष ने बताया, “मैं खुले दिमाग से इसमें जा रहा हूं। जो भी मेरे सामने आएगा मैं उसका सामना करूंगा। यह मेरे लिए नई चीज है लेकिन मैं यहां अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहूंगा। आप दोनों खेलों की तुलना नहीं कर सकते। यह उसी तरह होगा जैसे सेब की तुलना संतरे से की जाए।”
एफएमएससीआई द्वारा साल 2017 का मोटरपर्सन ऑफ द ईयर का खिताब जीतने वाले संतोष ने कहा, “यह खेल अलग है। नांव के संतुलन को समझना बाइक को समझने से पूरी तरह से भिन्न है। इसलिए मुझे थोड़ी परेशानी होगी, लेकिन मेरी टीम इस काम में मेरी मदद कर रही है और सब कुछ अच्छा चल रहा है। टीम से काफी कुछ सीख रहा हूं।”
संतोष को उम्मीद है कि इस खेल में भी उन्हें हमेशा की तरह समर्थन मिलेगा।
उन्होंने कहा, “मुझे हमेशा से सभी का समर्थन मिला है और उम्मीद है कि इस नए खेल में भी लोग मेरे साथ आएंगे। मुझे अभी भी कई लोगों का समर्थन हासिल है, उम्मीद है यह बढ़ेगा।”