मुंबई, 15 जनवरी (आईएएनएस)। नए वर्ष के पहले ही माह में ही महंगाई दर के आठ प्रतिशत से नीचे चले जाने को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर दी। वर्ष 2016 के जनवरी माह तक महंगाई के छह प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है। यह जानकारी रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम जी. राजन ने गुरुवार को दी।
रिजर्व बैंक के गवर्नर द्वारा ब्याज दरों में बहुप्रतीक्षित कटौती कर मौद्रिक नीति की पिछली समीक्षा में किए गए अपने वादे को भी पूरा किया। गवर्नर ने वादा किया था कि जैसे ही स्फीति कम होगी वैसे ही ऋण दरों में कटौती होगी।
आरबीआई का यह कदम हैरत में डालने वाला है क्योंकि यह प्रत्येक वित्त वर्ष के दौरान हर दो माह पर ऋण दरों की घोषणा की स्थापित परंपरा को तोड़ते हुए उठाया गया है।
पूर्वापेक्षित यह घोषणा 3 फरवरी को निर्धारित अगली मौद्रिक नीति की समीक्षा में किए जाने का अनुमान था।
इस आश्चर्यजनक कदम के बाद शेयर बाजार में खास तौर से ब्याज संवेदी शेयरों में तेजी आ गई। इस कदम से रुपये और बांडों पर भी अत्यंत तेजी देखी गई।
एक बयान में राजन ने कहा, “अपने सार्वजनिक बयानों में रिजर्व बैंक ने मध्यमकालीन महंगाई लक्ष्यों के पूरा होने का संकेत मिलते ही मौद्रिक प्रक्रिया के आसान किए जाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।”
उन्होंने कहा कि इस प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए तरलता समायोजन सुविधा के तहत नीतिगत रेपो दर (वह दर जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को ऋण मुहैया कराता है।) को तत्काल प्रभाव से 8.0 प्रतिशत से 7.75 प्रतिशत करने का फैसला लिया गया था।
अनुसूचित बैंकों के लिए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे 4.0 प्रतिशत रखा गया है और सकल मांग और आवधिक जिम्मेदारी (एनडीटीएल) में भी कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर्स आफ कामर्स (फिक्की) की अध्यक्ष ज्योत्सना सूरी ने कहा कि रिजर्व बैंक के इस कदम से निवेशक रुझान को बेहतर
करने में मदद मिलेगी।
भारतीय उद्योग संघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि रेपो दर में कटौती से निवेशक मांग बढ़ेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि रिजर्व बैंक विकास और महंगाई दर में संतुलन बनाएगा।
एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के अध्यक्ष राणा कपूर ने रिजर्व की पहल का स्वागत किया और कहा कि रिजर्व बैंक ने उद्योग की जरूरत को सही समझा है।
पीएचडी चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष आलोक बी. श्रीराम ने कहा कि इस सुधार के कदम से देश में व्यापार करने में सहूलियत होगी और इससे विकास की रफ्तार बढ़ेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।