चंडीगढ़, 18 अगस्त (आईएएनएस)। रियो ओलम्पिक में भारत को पहला पदक दिलाने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक पर इनामों की बारिश शुरू हो गई है।
हरियाणा के रोहतक की रहने वाली साक्षी को हरियाणा सरकार ने 2.5 करोड़ रुपये और भारतीय रेलवे ने 50 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है और साक्षी के लिए अब तक घोषित इनाम की राशि 3.5 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई है।
इसके अलावा भारतीय रेलवे में कार्यरत साक्षी को पदोन्नति का भी वादा किया गया है।
साक्षी ने फ्रीस्टाइल स्पर्धा के 58 किलोग्राम भारवर्ग में बुधवार को किर्गिस्तान की अइसुलू टाइबेकोवा को हराकर कांस्य पदक जीता और ओलम्पिक की कुश्ती स्पर्धा में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बन गईं।
हरियाणा सरकार में खेल मंत्री अनिल विज रियो डी जनेरियो साक्षी के मुकाबले के दौरान वहीं मौजूद थे। विज ने साक्षी को इस उपलब्धी के लिए बधाई दी है। राज्य सरकार साक्षी को सरकारी नौकरी भी प्रदान कर सकती है।
विज ने गुरुवार को कहा, “उन्होंने राज्य और देश का नाम रोशन किया है। मुझे उम्मीद है कि राज्य के अन्य खिलाड़ी भी आने वाली स्पर्धाओं में राज्य और देश का नाम रोशन करेंगे।”
साक्षी इस समय उत्तर रेलवे के दिल्ली प्रखंड में वाणिज्य विभाग में कार्यरत हैं। खेलों के शुरू होने के पहले रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने यह घोषणा कर दी थी कि साक्षी मलिक को 50 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा और उन्हें अपनी पसंद के मंडलीय कार्यालय में राजपत्रित अधिकारी के पद पर पदोन्नति दी जाएगी।
इसके अलावा भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) ने साक्षी को 20 लाख रुपया इनाम देने की घोषणा की है।
युवा मामलों एवं खेल मंत्रालय की नकद पुरस्कार योजना के तहत भी साक्षी को 30 लाख रुपये मिलना तय है।
इसके अलावा इंटरनेशनल फिटनेस फेस्टिवल ने भी साक्षी को पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने साक्षी को रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड प्रदान करने की घोषणा कर दी है।
रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड के तहत 3.11 लाख रुपये नकद पुरस्कार, एक प्रशस्ति-पत्र और रानी लक्ष्मी बाई की प्रतिमा प्रदान की जाती है।