नई दिल्ली: गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली राहुल गांधी की याचिका खारिज किये जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने राहुल गांधी का समर्थन किया और भाजपा पर लोगों का ध्यान वास्तविक मुद्दों से भटकाने के लिए “निरर्थक राजनीति” करने का आरोप लगाया.
अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि राहुल गांधी पहले ही देशभर में 10 मामलों का सामना कर रहे हैं और निचली अदालत का कांग्रेस नेता को उनकी टिप्पणी के लिए दो साल कारावास की सजा सुनाने का आदेश ‘‘न्यायसंगत, उचित और वैध’’ है. अदालत ने कहा कि गांधी की ‘‘मोदी उपनाम’’ टिप्पणी को लेकर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषसिद्धि के फैसले पर रोक लगाने का कोई तर्कसंगत आधार नहीं है.
अदालत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर, आप की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने संवाददाताओं से कहा कि यह निश्चित रूप से गलत है और जब गांधी को मामले में दोषी ठहराया गया था तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इसे “गलत” कहा था. गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी.
यह पूछे जाने पर कि क्या आप इस मुद्दे पर गांधी के समर्थन में है, कक्कड़ ने कहा, ‘‘हां. यह (गांधी को दी गई) सजा निश्चित रूप से गलत है, यह बहुत कठोर है. हमने पहले भी ऐसा कहा था. अरविंद केजरीवाल जी ने भी ऐसा कहा है.” उन्होंने आरोप लगाया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ’50 करोड़ रुपये की गर्लफ्रेंड’ वाली टिप्पणी की थी, जो सभी महिलाओं को आहत कर सकती है.”
कक्कड़ ने कहा, ‘‘देश में जनता का ध्यान असली मुद्दे से भटकाने के लिए निरर्थक राजनीति की जा रही है. ऐसी राजनीति बंद होनी चाहिए.’’ आप प्रवक्ता ने कहा कि गांधी को अब राहत के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करना होगा. गुजरात की निचली अदालत द्वारा मानहानि मामले में गांधी को दोषी ठहराए जाने के बाद केजरीवाल खुलकर कांग्रेस नेता का समर्थन किया था.
केजरीवाल ने 23 मार्च को एक ट्वीट में कहा था, ‘‘गैर-भाजपा नेताओं और पार्टियों पर मुकदमा चलाकर उन्हें खत्म करने की साजिश रची जा रही है. कांग्रेस के साथ हमारे मतभेद हैं, लेकिन राहुल गांधी को इस तरह मानहानि के मामले में फंसाना सही नहीं है.’’ आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने कहा था, ‘‘सवाल पूछना जनता एवं विपक्ष का काम है. हम अदालत का सम्मान करते हैं लेकिन उसके फैसले से असहमत हैं.