नई दिल्ली, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। कांग्रेस ने रविवार को केंद्र सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया। पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कर्ज तले दबी हुई कंपनी इन्फ्रास्ट्रक्च र लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेस (आईएल एंड एफएस) को संकट से निकालने के लिए सार्वजनिक धन का उपयोग किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने एक ट्वीट में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आईएल एंड एफएस ग्रुप को राहत प्रदान (बेल आउट) करने जा रहे हैं जिस पर करीब 91,000 करोड़ रपये का कर्ज है।
राहुल के हिंदी में किए गए ट्वीट का शीर्षक ‘लाइट, कैमरा, स्कैम’ है जिसमें आरोप लगाया गया है कि 2007 में मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो आईएल एंड एफएस को 70,000 करोड़ रुपये का ‘गिफ्ट सिटी’ प्रोजेक्ट दिया गया था। इस योजना के तहत आज तक कोई काम नहीं हुआ।
राहुल गांधी ने कहा कि 2018 में मोदी उसी कंपनी को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और स्टेट बैंक (एसबीआई) के माध्यम से राहत प्रदान करने जा रहे हैं।
हाल ही में कांग्रेस ने इस मसले को उठाया और देश में लेहमन ब्रदर्स जैसे आर्थिक संकट की चेतावनी दी।
आईएल एंड एफएस के संकट से नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी के संपूर्ण क्षेत्र में निवेशकों का भरोसा कम हुआ है।
कांग्रेस पार्टी ने पिछले चार साल में कंपनी की 42,000 करोड़ रुपये की अदायगी का फोरेंसिक ऑडिट करवाने की मांग की।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्वीट के जरिए रविवार को कहा, “आइएल एंड एफएस की वित्तीय जरूरतों का फोरेंसिक ऑडिट करवाने की जरूरत है क्योंकि प्रबंधन, प्रमुख अंशधारक और राजग/भाजपा सरकार 42,000 करोड़ रुपये की रकम के सवालों के बारे में नहीं बताना चाहते हैं। पिछले चार साल में 42,000 करोड़ रुपये की अदायगी हुई, लेकिन कोई नहीं जानता कि पैसा कहां गायब हुआ।”
ऑडिट की मांग तब की जा रही है जब ग्रुप की वित्तीय स्थिरता को लेकर चिंता पैदा हो गई है।
कांग्रेस ने कहा है कि एलआईसी और एसबीआई के जरिए सार्वजनिक बचत की रकम का उपयोग विदेशी संस्थान की हिस्सेदारी वाली निजी कंपनी को राहत प्रदान करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।