मुम्बई, 3 मई (आईएएनएस)। प्रथम राष्ट्रीय लागोरी चैम्पियनशिप का आयोजन 6-8 मई तक मुम्बई में होगा। इसमें 24 राज्यों की टीमें हिस्सा लेंगी।
हाल ही में भारतीय लागोरी महासंघ ने कर्नाटक के बीजापुर में पहली लागोरी प्रीमियर लीग का आयोजन कराया था, जो काफी सफल रहा था। इससे उत्साहित होकर भारतीय लागोरी महासंघ ने महाराष्ट्र लागोरी संघ के साथ मिलकर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप कराने का फैसला किया।
इसके बाद भारतीय लागोरी महासंघ और अंतर्राष्ट्रीय लागोरी महासंघ साथ मिलकर मुम्बई में ही पहला लागोरी विश्व कप का आयोजन करेंगे। यह अगले साल जनवरी-फरवरी में आयोजित होगा। इसमें 30 से अधिक देशों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र लागोरी संघ के सचिव संतोष गुरव ने रविवार को बताया कि दादर स्थित ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में होने वाली राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने के लिए 24 टीमों ने पुष्टि कर दी है।
इस चैम्पियनशिप में महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, असम, हरियाणा व गुजरात की टीमें हिस्सा लेंगी। चैम्पियनशिप में महिला एवं पुरुष टीमों के लिए अलग-अलग मुकाबले होंगे।
महाराष्ट्र लागोरी संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अनिकेत तटकरे ने कहा कि सभी राज्यों के संगठनों के साथ मिलकर वह लागोरी को देश के साथ-साथ दुनिया भर में लोकप्रिय बनाने का प्रयास करेंगे। तटकरे के मुताबिक उनका मुख्य लक्ष्य लागोरी को खोया गौरव वापस दिलाना है।
उल्लेखनीय है कि लागोरी को उत्तर भारतीय हिस्से में पिट्टो, टिप्पो या टीलो नाम से जाना जाता है और छोटी वय के बच्चों के बीच यह बेहद लोकप्रिय खेल है।
इसमें खपरैल या पत्थर के छोटे से बड़े आकार के कुछ पत्थरों को एक के ऊपर एक स्थिर किया जाता है और दो टीमों में बंटे खिलाड़ियों की एक टीम गेंद से इस पर निशाना लगाती है।
लागोरी या पिट्टो के गिर जाने के बाद जहां गिराने वाली टीम को उसे फिर से उसी तरह लगाना होता है, वहीं दूसरी टीम उन्हें ऐसा करने से रोकती है, जिसके लिए वह दूसरी टीम के खिलाड़ियों को गेंद मारकर खेल से बाहर कर सकती है।