अम्मान, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जार्डन के ऐतिहासिक दौरे पर शनिवार को यहां पहुंचे। किसी भारतीय राष्ट्रपति का इस देश का यह पहला दौरा है।
राष्ट्रपति यहां एयर इंडिया की उड़ान से पहुंचे और कार्यक्रमों में व्यस्त हो गए। इससे पहले उनका यहां पारंपरिक स्वागत किया गया और राष्ट्रपति भवन के सामने उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई।
इसके बाद वह शाह अब्दुल्ला (द्वितीय) इब्न अल हुसैन के साथ वार्ता में व्यस्त हो गए। वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने इंडो-जर्मन उवर्रक संयंत्र का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। इस संयंत्र से कच्चे माल का उत्पादन किया जाएगा। इसमें फास्फोरिक एसिड और सल्फ्यूरिक एसिड प्रमुख हैं।
यहां पहुंचने से पहले राष्ट्रपति ने कहा, “दोनों देशों के क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे मिलते-जुलते हैं और दोनों सीरिया के साथ ही मध्य पूर्व में शांति प्रक्रिया का समर्थन करते हैं।”
उन्होंने कहा कि दोनों देश उग्रवाद और आतंकवाद के सभी रूपों की निदा करते हैं और धार्मिक सौहार्द्र में भरोसा करते हैं।
राष्ट्रपति के इस दौरे के दौरान व्यापार एवं निवेश पर भी जोर है। उन्होंने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार को पांच अरब डॉलर करना चाहते हैं। अभी दोनों देशों के बीच व्यापार दो अरब डॉलर है।
प्रमब मुखर्जी ने जिस संयंत्र का उद्घाटन किया, उससे भारत 30 करोड़ टन फास्फोरिक एसिड का आयात करेगी।
भारत और जार्डन ने 1947 में सामंजस्य के लिए द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया था, हालांकि इसे औपचारिक रूप 1950 में दिया गया जब पूर्ण कूटनीकि संबंध दोनों देश के बीच बने।
शाह अब्दुल्ला और बेगम रानिया ने अक्टूबर 2012 में भारत का दौरा किया था।
राष्ट्रपति के इस दौरे से पूर्व करीब 30 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस देश का दौरा किया था।