नई दिल्ली, 4 मई (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को भारतीय सिनेमा की 104वीं वर्षगांठ पर 64वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए, जिसमें निर्देशक एवं अभिनेता के. विश्वनाथ को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया।
87 वर्षीय विश्वनाथ ने इस पुरस्कार के लिए सरकारी अधिकारियों, ज्यूरी सदस्यों और अपने समर्थकों का शुक्रिया अदा किया।
मुखर्जी ने इस मौके पर राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वालों को देश की विभिन्नता का सूक्ष्म प्रतिनिधि बताया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि पुरस्कार समारोह उस सिनेमा का जश्न है जो सभी धर्मो का धर्म है।
नायडू ने कहा कि मेक इन इंडिया की योजना सुल्तान, दंगल और बाहुबली जैसी फिल्मों में दिखी है।
बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार को इस साल के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। यह उनका पहला राष्ट्रीय पुरस्कार है। उन्हें फिल्म रुस्तम के लिए यह अवार्ड मिला है।
फिल्म निरजा में अभिनय के लिए अभिनेत्री सोनम कपूर को विशेष प्रोत्साहन मिला है। इस फिल्म को साल की सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म चुना गया है।
मलयालम अभिनेत्री सुरभी सी.एम को फिल्म मिन्नामिनुनंगु के लिए साल की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
दक्षिण की छह फिल्म इंडस्ट्री तमिल, तेलगू, मलयालम, कन्नड़, टुलु और कोंकणी को कुल 18 राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं।
मराठी फिल्म कासाव को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म। फिल्म निर्माता राजेश मापुष्कर को फिल्म वेंटिलेटर के लिए सर्वश्रेष्ठ निदेशक का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
हिंदी फिल्म पिंक को समाजिक मुद्दों पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म चुना गया है। फिल्म दंगल और दाशकारिया में अभिनय करने वाली कश्मीर की जायरा वसीम को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
कड़वी हवा और मुक्ति भवन जैसी फिल्मों को विशेष प्रोत्साहन मिला है। वहीं मुक्ति भवन के अभिनेता अदिल हुसैन को भी अभिनय के लिए विशेष प्रोत्साहन मिला है।
हिंदी फिल्म शिवाय के लिए नवीन पॉल को सर्वश्रेष्ठ स्पेशल इफेक्ट्स का पुरस्कार मिला है। फिल्म महायोद्धा राम को सर्वश्रेष्ठ एनिमेटेड फिल्म का पुरस्कार मिला है।