दरअसल, जनपद की रेल कोच फैक्ट्री में उत्पादन तो शुरू हो गया है, लेकिन पूर्ण क्षमता के अनुरूप उत्पादन न होने का एक कारण तकनीकी कर्मचारियों की कमी होना है। इसके अलावा रेल कोच फैक्ट्री की कार्यदायी संस्था इरकॉन द्वारा सारी मशीनरी स्थापित नहीं करने से भी पूरी तरह उत्पादन नहीं हो पा रहा है।
भाजपा नेता व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने इस संबंध में आ रहीं समस्याओं को लेकर रेल कोच फैक्ट्री के महाप्रबंधक आलोक दवे से मुलाकात की। दवे ने बताया कि वर्तमान में स्टेनलेस स्टील के बने हुए शताब्दी व राजधानी में लगने वाले मात्र 20 डिब्बों का ही उत्पादन हो पा रहा है, जबकि फैक्ट्री की उत्पादन क्षमता करीब सौ डिब्बे प्रति माह बनाने की है। ऐसा होने पर आसपास के हजारों लोगों को विभिन्न प्रकार के रोजगार व व्यवसाय मिलेंगे।
भाजपा नेता ने रेल कोच के महाप्रबंधक आलोक दवे से आईटीआई-रायबरेली को भी कोच फैक्ट्री से संबंधित काम देने के बारे में चर्चा की, जिस पर उन्होंने बताया कि वे आईटीआई को भी कार्य दे सकते हैं।
अग्रवाल ने कहा कि वह इस संबंध में दिल्ली जाकर रेलमंत्री से जल्द वार्ता करेंगे और कहेंगे कि वह 800 तकनीकी कर्मचारियों की रेल कोच फैक्ट्री में जो आवश्यकता है, उस संबंध में रेलवे भर्ती बोर्ड गोरखपुर को जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया समाप्त करने के संबंध में आदेश दें, ताकि कारखाना जल्द से जल्द अपनी पूर्ण क्षमता के अनुरूप उत्पादन कर सके और इससे देश की जनता के साथ-साथ रायबरेली की जनता को भी लाभ हो सके।
आईटीआई को काम देने के संबंध में अजय अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में आईटीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं प्रबंधक निदेशक के.के. गुप्ता से वार्ता की है तथा उनसे रेल कोच फैक्ट्री के महाप्रबंधक से बात करने को कहा है। गुप्ता ने आईटीआई के किसी वरिष्ठ अधिकारी को रेल कोच फैक्ट्री में जल्द भेजने का आश्वासन दिया है।