नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को राफेल आदेश पर पुनर्विचार के लिए होने वाली सुनवाई टालने संबंधी केंद्र सरकार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई टालने संबंधी पत्र वितरित करने की अनुमति प्रदान की।
दरअसल, मामले की सुनवाई मंगलवार को होनी थी, लेकिन केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने में समय लगने की बात कहते हुए सुनवाई टालने की मांग की।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार के वकील को इस संबंध में याचिकाकर्ता समेत सभी पक्षों को पत्र वितरित करने को कहा है।
शीर्ष अदालत ने राफेल सौदे पर अपने आदेश पर दोबारा विचार करने संबंधी याचिका को 10 अप्रैल को मंजूर की थी, जोकि मीडिया रपट में लीक दस्तावेज के आधार पर की गई थी। अदालत से दस्तावेज पर सरकार द्वारा विशेषाधिकार का दावा करते हुए की गई आपत्तियों को खारिज करने की मांग की गई थी।
केंद्र सरकार की ओर से अदालत के सामने दलील दी गई थी कि विशेषाधिकार वाले तीन दस्तावेज अनधिकृत रूप से सरकार के संबंधित मंत्रालय से निकाले गए थे और याचिकाकर्ता ने इन दस्तावेजों का उपयोग शीर्ष अदालत के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले को चुनौती देने के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल करने में किया।
अदालत ने 14 दिसंबर, 2018 के अपने आदेश में राफेल लड़ाकू विमान सौदे को चुनौती देने वाली सभी दलीलों को खारिज कर दिया था।
भारत और फ्रांस के बीच 2015 में लड़ाकू जेट विमान खरीद के सौदे हुए थे।
केंद्र की दलील थी कि दस्तावजे कार्यालय गोपनीयता अधिनियम के तहत संरक्षित हैं, इसलिए अदालत में साक्ष्य के तौर पर स्वीकार्य नहीं हैं, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इस दलील को खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि दस्तावेज संविधान के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी के अनुसार प्रकाशित किए गए थे।