नई दिल्ली, 16 दिसम्बर – राज्यसभा में मंगलवार को भी धर्मातरण के मुद्दे को लेकर हंगामा जारी रहा, जिसके कारण भोजनावकाश से पहले सदन की कार्यवाही बाधित रही। सदन की कार्यवाही मंगलवार को जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों ने खड़े होकर विरोध शुरू कर दिया। धर्मातरण के मुद्दे पर हंगामे के कारण सोमवार को भी उच्च सदन की कार्यवाही बाधित रही थी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने उपसभापति पी. जे. कुरियन को बताया कि उनके पास उस परिपत्र की प्रति है, जिसमें कुछ स्कूलों को क्रिसमस के दिन खुला रखने का आदेश जारी किया गया है।
सदन पटल पर दस्तावेज रखे जाने के तुरंत बाद ही विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव ने कहा, “इसी तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं। सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और आप हमसे इस पर सिर्फ चर्चा करने के लिए कह रहे हैं।”
केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “जो लोग चर्चा में भाग नहीं लेना चाहते, सदन से जा सकते हैं।”
नकवी ने विपक्ष पर चर्चा से बचने का आरोप लगाते हुए कहा, “आप जनादेश का अपमान कर रहे हैं।”
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य सभापति की आसंदी के सामने जा पहुंचे और शोरगुल के बीच सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थागित कर दी गई।
सदन की बैठक दोबारा शुरू होने के बाद भी हालात पूर्ववत रहे। सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, “जिस तरह की टिप्पणियां सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद कर रहे हैं, उन्हें हम स्वीकार नहीं कर सकते।”
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने भी विपक्ष पर चर्चा से बचने का आरोप लगाते हुए उसकी निंदा की।
उपसभापति कुरियन ने बार-बार सभी सदस्यों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “संसद चर्चा के लिए है, शोर मचाने के लिए नहीं।”
विपक्षी सदस्यों ने हालांकि सभापति की आसंदी के समक्ष नारेबाजी जारी रखी और उपसभापति कुरियन को सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
भोजनावकाश के बाद सदन में सभापति एम. हामिद अंसारी ने जैसे ही प्रश्न काल की घोषणा की, विपक्षी सांसदों ने फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। जबकि सभापति बार बार प्रश्न पूछने का मौका देने का आग्रह करते रहे।
अग्रवाल ने कहा, “इसी सदन में प्रधानमंत्री ने अपने एक मंत्री की विवादास्पद टिप्पणी के बाद बयान दिया था। उन्होंने कहा कि अपने सांसदों को उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है, लेकिन फिर भी सांसद ऐसे बयान दे रहे हैं, जो देश के अंदर विवादास्पद माहौल पैदा कर रहे हैं।”
सभापति ने कुछ मिनटों बाद ही सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
सदन की बैठक फिर शुरू होने के बाद भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा, जिसके कारण पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कार्यवाही चल नहीं पाई।