नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के खिलाफ शुक्रवार को राज्यसभा में विपक्षी पार्टियां एकजुट दिखीं।
राज्य सभा में शून्यकाल में मुद्दा उठने के बाद लगभग सभी विपक्षी पार्टियों ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
उन्होंने अल्पसंख्यक संस्थानों के खिलाफ भेदभाव रोकने, एएमयू के खिलाफ कोई अन्याय न सहने के नारे लगाए। सदन के उप सभापति पी.जे.कुरियन ने सदस्यों से चर्चा के लिए सभापति को नोटिस देने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा, “अगर आप इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं तो कृपया नोटिस दीजिए।”
विपक्ष के वरिष्ठ सदस्यों मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी व कांग्रेस के आनंद शर्मा ने इस मुद्दे पर चिंता जताई।
सदन में शोर-शराबे के बीच कार्यवाही सुबह 11.50 बजे 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। शून्य काल के दौरान कोई भी काम नहीं हो सका।
दोपहर में जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पी.ए.संगमा के शुक्रवार हृदयाघात से निधन को लेकर कुछ सदस्यों ने राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करने की अपील की।
पर सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने मांग को विनम्रतापूर्वक खारिज करते हुए कहा कि सदन की यह परंपरा रही है कि इसकी कार्यवाही तभी स्थगित की जा सकती है, जब किसी मौजूदा सदस्य का निधन हुआ हो।
संसदीय मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यदि सभापति चाहें तो सदन की कार्यवाही स्थगित की जा सकती है और इसमें सरकार को कोई आपत्ति नहीं होगी।
हालांकि सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी, लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी जब सदन की कार्यवाही स्थगित करने का अनुरोध किया तो सभापति ने दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।
उल्लेखनीय है कि 22 जनवरी को विभिन्न पार्टियों के आठ सदस्यों ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया तथा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर केंद्र सरकार के रुख की आलोचना की थी।
संयुक्त बयान के मुताबिक, “हम भारत के महान्यायवादी के बयान की निंदा करते हैं, जिन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष दोनों संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्थान न बताकर देश की गंगा-जमुनी तहजीब की समृद्ध परंपरा को बिगाड़ने का प्रयास किया है।”