जयपुर, 20 जून (आईएएनएस)। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने शनिवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के स्वयंसेवी संस्थानों ‘जपाइगो’ एवं ‘सिफ्फ’ के सहयोग से संचालित किए जाने वाले दक्षता कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम के तहत तकनीकी विशेषज्ञों के सहयोग से लेबररूम में कार्यरत स्टॉफ की दक्षता बढ़ाने के कार्य व लेबररूम सुधार के कार्य संचालित किए जाएंगे।
राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में मातृ मृत्युदर व शिशु मृत्युदर को कम करने के लिए व्यापक प्रयास किये जा रहे थे। उन्होंने बताया कि संस्थागत प्रसव 37 प्रतिशत बढ़कर 80 प्रतिशत हो चुका है एवं इसे आगे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रसव कक्ष में आधारभूत तकनीकी सुविधाओं में निरंतर वृद्धि करने के साथ ही प्रसव कक्ष से जुड़े स्वास्थ्यकर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी कार्यदक्षता बढ़ाई जाएगी।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राजकीय चिकित्सा संस्थानों में लेबररूम की साफ-सफाई व स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रतिवर्ष 17 लाख बच्चों के जन्म की ²ष्टि से प्रतिदिन लगभग 4 हजार 400 बच्चों का जन्म होता है एवं इनमें से लगभग 80 प्रतिशत यानि 3 हजार 800 बच्चों का जन्म राजकीय चिकित्सा संस्थानों में होता है।
मंत्री ने कहा कि राजकीय चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षित प्रसव कराने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी उद्देश्य से गत एक वर्ष के दौरान 7 जिलों के 101 जिला अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लेबररूम सुधार की कार्यवाही की गई है। मार्च 2016 तक 10 जिलों के 205 जिला अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुधार कार्य करवाए जाएंगे।