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राजपथ पर दिखेगी देश की सैन्य क्षमता, सांस्कृतिक विरासत

नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। देश के 66वें गणतंत्र दिवस के मौके पर सोमवार को नई दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ पर आयोजित समारोह में देश की सैन्य क्षमता, विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धियों, आधुनिक रक्षा उपकरणों, विविध सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराओं के अलावा सरकार की आत्मनिर्भरता तथा स्वदेशीकरण का सार्वजनिक तौर एक जगह दर्शन करने का मौका होगा।

इस वर्ष की परेड का मुख्य आकर्षण देश में विकसित सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की आकाश मिसाइल (सेना संस्करण) और हथियारों का पता लगाने वाले राडार दोनों का एक साथ प्रदर्शन किया जाएगा। इन्हें डीआरडीओ ने विकसित किया है।

हाल ही में प्राप्त लंबी दूरी तक समुद्री निगरानी करने वाले और पनडुब्बी भेदी विमान पी-8आई और लंबी दूरी तक मार करने वाले उन्नत लड़ाकू विमान मिग-29के को पहली बार देखा जा सकेगा।

इस वर्ष परेड में पहली बार तीनों सैन्य बलों -थलसेना, नौसेना और वायुसेना- की महिला दलों के मार्चिग दस्ते को शामिल किया जाएगा।

भारतीय सेना की लेजर निर्देशित मिसाइल क्षमता टी-90 ‘भीष्म’ टैंक, सैन्य वाहन बीएमपी द्वितीय (सरत) के अलावा ट्राउल युक्त टी-72 को भी मैकेनाइज्ड कॉलम्स में प्रदर्शित किया जाएगा। इसे पिनाका मल्टीपल बैरल लांचर सिस्टम के बाद प्रदर्शित किया जाएगा। इसके बाद मोबाइल ऑटोनॉमस लांचर ब्रह्मोस मिसाइल, त्रिआयामी सामरिक नियंत्रण राडार, गतिशील संचार उपग्रह और आसानी से तैनात करने योग्य सैटेलाइट टर्मिनल (आरएडीएसएटी) प्रदर्शित किए जाएंगे।

राजपथ पर भारतीय वायुसेना की झांकी ‘1965 के युद्ध के 50 साल’ की थीम पर आधारित है। 1965 की लड़ाई में अपने कौशल दिखाने वाले भारतीय वायुसेना के कैनबरा बमवर्षक एमआई-4 हेलीकॉप्टर और परिवहन विमान का प्रदर्शन किया जाएगा।

उभरते राष्ट्र के समुद्रों की सुरक्षा को सुनिश्चत करने जैसे विषय को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना अपनी झांकी में समुद्री युद्ध के सभी चार आयामों में से कुछ को प्रदर्शित करेगी।

स्वदेश निर्मित विध्वंसक आईएनएस कोलकाता, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ‘ध्रुव’ के साथ ब्रह्मोस मिसाइल लांच करने के मॉडल को प्रदर्शित कर नौसेना आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण की अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगी।

दूसरी झांकी में ‘भारतीय नौसेना और नारी शक्ति’ का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें वे चार महिला अधिकारी शामिल होंगी, जिन्होंने भारतीय नौसेना के पोत महादेई में गोवा से लेकर ब्राजील के रियो-डी-जनेरियो तक समुद्र की विषमताओं का बहादुरी से सामना करते हुए समुद्री यात्रा में हिस्सा लिया था।

परेड समारोह इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर शुरू होगा, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

परंपरा के अनुसार, राष्ट्रध्वज फहराने के बाद, 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्र गान आयोजित होगा। इसके बाद परेड शुरू होगी और राष्ट्रपति सलामी लेंगे।

इस साल अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्रण दिवस परेड के मुख्य अतिथि हैं। दिल्ली क्षेत्र के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रतो मित्रा परेड की कमान संभालेंगे। दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ, मेजर जनरल अभय कृष्ण परेड के सेकेंड-इन-कमांड होंगे।

परम वीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर और मानद कैप्टन बाना सिंह(सेवानिवृत्त), सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव, 18 ग्रेनेडियर्स और नायब/सूबेदार संजय कुमार, 13 जेएके राइफल्स और अशोक चक्र विजेता मेजर जनरल साइरस पिथावाल्ला, बीजीएस (टीआरजी), मुख्यालय दक्षिणी कमान, लेफ्टिनेंट कर्नल जसराम सिंह (सेवानिवृत्त), पूर्व मानद नायब सूबेदार छेरिंग मुटुप (सेवानिवृत्त), हुकुम सिंह और गोविन्द सिंह दोनों मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के हैं और मध्य प्रदेश के ही गुना जिले के भुरे लाल जीप पर सवार होकर परेड के उप कमांडर के पीछे चलेंगे।

सेना के मार्चिंग दस्तों में 61वें घुड़सवार फौज की टुकड़ी, सभी महिला अधिकारियों के दल का नेतृत्व कर रहीं कप्तान दिव्या ए, ब्रिगेड ऑफ गार्डस, ग्रेनेडियर्स, जाट रेजीमेंट, सिख रेजीमेंट, कुमाऊं रेजीमेंट, जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स, 14 गोरखा प्रशिक्षण केन्द्र और प्रादेशिक सेना (पंजाब) शामिल होंगे।

अर्धसैनिक और अन्य सहायक नागरिक बल भी परेड में शामिल होंगे। इसमें सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, भारतीय तटरक्षक, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सशस्त्र सीमा बल, रेलवे सुरक्षा बल, दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय कैडेट कोर और राष्ट्रीय सेवा योजना के दल शामिल होंगे। ऊंट पर सवार बीएसएफ के बैंड और पूर्व सैनिकों की टुकड़ियां भी परेड का मुख्य आकर्षण होंगी।

16 राज्यों और नौ केंद्रीय मंत्रालयों तथा विभागों की झांकियां देश की विभिन्न ऐतिहासिक, स्थापत्य और सांस्कृतिक विरासत को पेश करेंगी। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में हो रही प्रगति, विशेषकर महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को प्रदर्शित किया जाएगा।

इसके अलावा बड़ी इलायची की खेती के जरिए राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे सिक्किम और मध्य प्रदेश के भगोरियों के आदिवासी त्योहार विशेष आकर्षण होंगे।

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2014 के लिए चुने गए 24 बच्चों में 20 बच्चे भी परेड में शामिल होंगे। चार बच्चों को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया गया है।

सीमा सुरक्षा बल द्वारा मोटरसाइकिल प्रदर्शन ‘जांबाज’, परेड का एक प्रमुख आकर्षण होगा। वे मोटरसाइकल पर हैरतअंगेज और साहसिक करतब दिखाएंगे।

परेड के अंत में वायुसेना के विमानों के शानदार करतब देखने को मिलेंगे। फिर राष्ट्रगान होगा और हवा में बैलून उड़ाने के साथ ही इस शानदार कार्यक्रम का समापन हो जाएगा।

राजपथ पर दिखेगी देश की सैन्य क्षमता, सांस्कृतिक विरासत Reviewed by on . नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। देश के 66वें गणतंत्र दिवस के मौके पर सोमवार को नई दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ पर आयोजित समारोह में देश की सैन्य क्षमता, विभिन्न क्षे नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। देश के 66वें गणतंत्र दिवस के मौके पर सोमवार को नई दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ पर आयोजित समारोह में देश की सैन्य क्षमता, विभिन्न क्षे Rating:
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