ज्योतिषाचार्य पं.आनंद तिवारी का कहना है कि भद्रा पर शुभ कार्य नहीं किए जाते। भद्रा में यात्रा, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, रक्षाबंधन जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। भद्रा का संबंध सूर्य और शनि से है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष दोपहर 1.40 तक भद्रा के कारण भाइयों की कलाइयां दोपहर बाद सजेंगी।
वर्ष 2014 में भी रक्षाबंधन के दिन भद्रा लगा था। बीते वर्ष 10 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व पड़ा था। इस दिन भी 8 घंटे तक भद्रा था। दोपहर बाद ही भाइयों की कलाई सजी थी। इसी तरह 2013 को पूर्णिमा तिथि में भद्रा लगने से रात 8.41 बजे के बाद शुभ मुहूर्त था। इस वर्ष 20 और 21 अगस्त दो दिन तक रक्षाबंधन मनाया गया। 10 घंटे तक भद्रा का प्रभाव था। इस वर्ष भद्रा का अंतर 9 घंटा 11 मिनट तक है।
वहीं ज्योतिषाचार्य पं. लल्लू महाराज का कहना है कि 28 अगस्त को रात 3.35 बजे से भद्रा लग रहा है, जो रक्षाबंधन पर्व यानी 29 अगस्त को दोपहर 1.50 बजे तक रहेगा। उन्होंने बताया कि भद्रा में रक्षासूत्र बांधना शास्त्र सम्मत नहीं है, इसके बाद से रात तक शुभ मुहूर्त है। दोपहर 1.51 से 4.15 बजे तक रक्षासूत्र बांधने का श्रेष्ठ मुहूर्त है। रक्षाबंधन पूर्णिमा को मनाया जाता है। 29 अगस्त की रात 12.04 बजे तक पूर्णिमा है।