रायपुर, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रविवार को आकाशवाणी के रायपुर केंद्र से प्रसारित अपनी मासिक रेडियो वार्ता ‘रमन के गोठ’ में भूजल स्तर में आ रही गिरावट पर गहरी चिंता जताई।
उन्होंने कहा, “भूजल मूल्यावान प्राकृतिक संपदा है। हम सबको आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे सुरक्षित रखना होगा।”
छत्तीसगढ़ी और हिंदी में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री गर्मी में संभावित लू के प्रकोप और अन्य मौसमी बीमारियों को लेकर भी चिंतित नजर आए।
उन्होंने कहा, “राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि प्रकृति हमें पर्याप्त संसाधन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए देती है, लोभ की पूर्ति के लिए नहीं। भूजल के अविवेकपूर्ण और अत्यधिक दोहन के कारण कई गांवों, मजरों व टोलों में हैंडपंप और पेयजल के स्रोत सूख जाते हैं।”
रेडियो वार्ता की आठवीं कड़ी में मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को चैत्र नवरात्रि, रामनवमी, संविधान निमार्ता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती और महावीर जयंती की बधाई दी।
उन्होंने अम्बेडकर जयंती पर 14 से 24 अप्रैल तक राष्ट्रीय स्तर पर शुरू हो रहे ‘ग्राम उदय से भारत उदय’ अभियान के तहत होने वाली विशेष ग्रामसभाओं में ग्रामीणों की अधिक से अधिक भागीदारी का भी आह्वान किया। साथ ही 14 अप्रैल से प्रदेशभर में सरकारी स्कूलों के सामाजिक अंकेक्षण की शुरुआत करने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सामाजिक अंकेक्षण के तहत प्रदेशवासी अपने बच्चों के स्कूलों में यह देखेंगे कि कक्षाओं में क्या चल रहा है, शिक्षक रोज पढ़ा रहे हैं या नहीं, बच्चे समझ पा रहे या नहीं, बच्चों में अच्छी आदतों और नैतिक मूल्यों का विकास हो रहा है या नहीं।
उन्होंने कहा कि इस बार हमने माताओं को भी स्कूलों में बच्चों की शिक्षा में सक्रिय सहयोग के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री ने माताओं से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों की रोज की पढ़ाई के बारे में शिक्षकों से नियमित रूप से जानकारी लें और अच्छा पढ़ाने के लिए भी प्रेरित करें।