भोपाल-विधानसभा में हुई नियुक्तिओं को अवैध करार देते हुए सिर्फ भाजपा के पूर्व कार्यालय मंत्री रघुनंदन शर्मा के बेटे नरेन्द्र शर्मा की नियुक्ति को सही बताया है.इस अनुसार गलती से नरेन्द्र शर्मा का नाम छप गया था,यह छपाई की त्रुटि हो सकती है.1998 में दिग्विजय सिंह के शासनकाल में हुई नियुक्तिओं को भाजपा ने अवैध करार देते हुए एक पुस्तक का प्रकाशन करवाया जिसे नाम दिया “व्यापम का सच.”
रघुनंदन शर्मा उस समय भाजपा कार्यालय में रहते थे इसलिये पता पं. दीनदयाल परिसर दिया था.भाजपा के रणनीतिकारों ने सभी नियुक्तिओं को फर्जी बताते हुए सिर्फ रघुनंदन शर्मा के बेटे की नियुक्ति को सही करार दिया है,अब देखना यह है की और कितने सही करार दिये जाते हैं और कितने नये जुड़ते हैं.राजनीतिक हल्कों में यह चर्चा है की बेटा हो तो रघुनंदन शर्मा के बेटे जैसा और बाप तो आप लोग जान ही गये होंगे.