पार्टी की उप्र राज्य इकाई ने कहा कि यह घटना स्पष्ट कर देती है कि उत्तर प्रदेश में सामंती और जातिवादी मानसिकता का कितना घिनौना और अमानवीय रूप मौजूद है। योगी सरकार आने के बाद इसका और उभार हुआ है और दलितों पर सवर्ण जातिवादी तत्वों का हमला बढ़ गया है।
माकपा के राज्य सचिव हीरालाल यादव ने कहा, “पार्टी ने मांग की है कि अभियुक्तों के ऊपर धारा 304 को बदलकर धारा 302 के अंतर्गत एफआईआर हो। दलित परिवार की सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं। चूंकि दलित परिवार भूमिहीन है, इसलिए उन्हें जमीन का पट्टा दिया जाएऔर कम से कम 20 लाख रुपये मुआवजा मृतका के परिवार को दिया जाए।”