राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित ने पुलिस वीक पर दिए गए योगी के बयान को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि यह देश संविधान से चलता है और हमारा संविधान हर नागरिक को उसके मानवाधिकारों को गारंटी देने की बात करता है, चाहे वो आरोपी ही क्यों न हो।
उन्होंने कहा कि पुलिस को कोई अधिकार नहीं है कि वो किसी को भी आरोपी मान करके उसका एनकाउंटर कर दे, संविधान और कानून उनको इसकी इजाजत नहीं देता है।
डॉ. दीक्षित ने कहा कि किसी पर आरोप तय करने और सजा देने के लिए न्यायपालिका है। उन्होंने योगी को सलाह देते हुए कहा कि वह यह ना भूलें कि देश में अभी भी लोकतान्त्रिक व्यवस्था है। जिस व्यवस्था के तहत वो मुख्यमंत्री बने हैं वो लोकतान्त्रिक संवैधानिक व्यवस्था है जो हर नागरिक को चाहे वो आरोपी ही क्यों न हो, को मानवाधिकार की गारंटी देता है।
डॉ. दीक्षित ने कहा कि सजा देने का अधिकार न्यायपालिका को है न कि योगी, उनकी गुंडा वाहिनी या पुलिस को है, पुलिस नहीं तय करेगी किसको क्या सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि योगी को सबसे पहले अपनी गौ गुंडा वाहिनी पर रोक लगानी चाहिए।
डॉ. दीक्षित ने कहा कि संविधान हर नागरिक को कोर्ट में अपनी निर्दोषता सिद्ध करने का अधिकार देती है। कोर्ट ही अपराध तय करेगी। पुलिस का काम संदेह में किसी को गिरफ्तार करके न्यायालय भेजने का ही है। उन्होंने योगी को आगाह करते हुए कहा कि अभी भी देश में कानून का शासन है, देश में अभी भी संवैधानिक व्यवस्था कायम है और लोकतंत्र जिंदा है। उन्होंने कहा कि यह भाषा किसी चुने हुए जनप्रतिनिधि और मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देती है।
राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य का काम है कि वो अपने हर नागरिक के मानवाधिकारों को सुरक्षित रखने की गारंटी करे। शासन की किसी भी संस्था को किसी भी नागरिक के मानवाधिकार को अतिक्रमण करने का कोई भी अधिकार हमारा संविधान नहीं देता है।